सचिन ने बताया क्यों थी ये उनके क्रिकेट करियर की सबसे कठिन पारी
सचिन तेंदुलकर ने फिर बयां किया कि यह पारी शारीरिक रूप से कितनी कठिन थी।
मुंबई, प्रेट्र। शारजाह में अपने शानदार प्रदर्शन, विशेषकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 143 रन की पारी से भारत को त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल में पहुंचाने वाले दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने फिर बयां किया कि यह पारी शारीरिक रूप से कितनी कठिन थी।
उन्होंने गुरुवार को कहा, 'अप्रैल माह के मौसम को देखते हुए तापमान सच में काफी गर्म था। आप अपने जूते में इस गर्मी को महसूस कर सकते थे। ऐसे में आप सबसे पहले अपने पैरों को बर्फ से भरी बाल्टी में डालना चाहोगे। मेरा भी यही हाल था। वह मेरा एक अनुभव था, जिसे मैं मुश्किल हालात के रूप में याद रखता हूं क्योंकि इस दौरान दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम ऑस्ट्रेलिया (उस समय की नंबर एक टीम थी) के खिलाफ खेलना और उन्हें इतने शानदार तरीके से हराना सचमुच काफी संतोषजनक था। सचिन ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने यह अनुभव साझा किए।
कोका कोला कप में तेंदुलकर की पारी की बदौलत भारत ने 22 अप्रैल 1998 को फाइनल में प्रवेश किया था। वहीं 24 अप्रैल को फाइनल में तेंदुलकर ने 134 रन की पारी खेली जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता। न्यूजीलैंड टूर्नामेंट की तीसरी टीम थी। इन दोनों मैचों को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि मेरे 48 घंटे का अनुभव शारजाह मैच थे, जो मैंने 1998 में खेले थे। उन दिनों हम शारजाह में खेलते थे और वापस दुबई जाते थे। जब तक हम होटल पहुंचे, सामान खोला तब दिन के दो बज गए या इतना ही समय था, जब मैं सोने गया। अगला दिन रिकवरी दिन था और उसके अगले ही दिन फाइनल था। यह इतना आसान नहीं था।