भारत की जीत पर खुशी मना चुके हैं पाकिस्तानी, जानिए क्या था यह माजरा
मैं पाकिस्तान में जहां भी जाता था, लोग मुझसे यही पूछते थे कि भारतीय टीम कब पाकिस्तान आ रही है।
(संजय मांजरेकर कॉलम)
2000 के आसपास एक समय था, जब मैं एक कमेंटेटर के तौर पर पाकिस्तान जाता रहता था। हालांकि भारतीय टीम वहां नहीं खेलती थी और भारत को छोड़कर सभी टीमों ने यहां मैच खेले। निश्चिततौर पर पाकिस्तानी प्रशंसक अंतरराष्ट्रीय सितारों को अपनी सरजमीं पर खेलते देखते खुश होते थे, लेकिन उन्हें भारत का इंतजार रहता था। भारत ने 1989 से कोई पाक दौरा नहीं किया।
मैं पाकिस्तान में जहां भी जाता था, लोग मुझसे यही पूछते थे कि भारतीय टीम कब पाकिस्तान आ रही है। मानो कि मेरे पास ही सारी शक्तियां हों। मैं उनकी भावनाओं को कभी नहीं भूल सकता। वे सचिन, द्रविड़, गांगुली और सहवाग जैसे भारतीय सितारों को खेलते देखना चाहते थे। उस समय तक भारत एक मजबूत टीम बन चुकी थी। वह टीम मेरे समय की टीम जैसी नहीं थी, जो आसानी से हार मान लेती थी। 2004 के उन लम्हों को मैं और कोई भी नहीं भूल सकता है। भारत ने पाकिस्तान को 2004 के दौरे पर शुरुआती मैचों में हरा दिया।
कराची में दर्शकों ने भारत की जीत का खड़े होकर स्वागत किया था। भले ही उनकी टीम हार गई हो, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी थी कि सितारों से सजी भारतीय टीम उनकी धरती पर खेलने आई और उन्हें अच्छा क्रिकेट देखने को मिला। उस जैसा तो नहीं, लेकिन उस जैसा कुछ माहौल दर्शक उस समय भी महसूस करेंगे जब पाक टीम विश्व एकादश के खिलाफ आज से शुरू हो रहे इंडिपेंडेंस कप के लिए मैदान में उतरेगी।
विश्व एकादश में हाशिम अमला और फाफ डुप्लेसिस जैसे सितारे हैं। इसके अलावा युवा हसन अली दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ होंगे। वह अन्य पाकिस्तानी गेंदबाजों की तुलना में थोड़े अलग हैं। उनका एक्शन भी अलग है। लेकिन पूर्व पाक गेंदबाजों की ही तरह उनके पास हवा में गति है और पिच से भी उन्हें मदद मिलती है। वकार की तरह उनका कद भी ज्यादा लंबा नहीं है, लेकिन तेज एक्शन से वह प्रभावी साबित होते हैं। अमला को पारी की शुरुआत में उनके खिलाफ थोड़ा सजग रहना होगा। हालांकि हमें इन खिलाड़ियों की तारीफ करनी होगी।
(पीएमजी)