मैंने बीसीसीआइ से मदद नहीं मांगी: कनेरिया
स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में आजीवन प्रतिबंध झेल रहे पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) से प्रतिबंध को हटाने में उनकी मदद मांगने की खबर का खंडन किया है। कनेरिया ने कहा उन्होंने भारतीय बोर्ड से किसी तरह की मदद नहीं मांगी थी।
कराची। स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में आजीवन प्रतिबंध झेल रहे पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) से प्रतिबंध को हटाने में उनकी मदद मांगने की खबर का खंडन किया है। कनेरिया ने कहा उन्होंने भारतीय बोर्ड से किसी तरह की मदद नहीं मांगी थी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान क्रिकेट में अलग-थलग पड़ने और शोषण का शिकार होने से वह दुखी हैं, लेकिन एक पाकिस्तानी के तौर पर सिर्फ इसलिए उनकी निष्ठा पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वह एक हिंदू हैं। उन्हें लगता है कि बीसीसीआइ उनकी मदद कर सकता है। पाकिस्तानी क्रिकेटर ने इस खबर को खारिज करते हुए कहा, 'भारतीय मीडिया ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया है। हां, मैंने एक भारतीय रिपोर्टर से बात की थी, लेकिन मेरी मंशा प्रतिबंध को लेकर बीसीसीआइ से मदद मांगने की नहीं थी। मुझे अपने पाकिस्तानी होने पर गर्व है।'
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प्रतिबंध के बाद से आर्थिक तंगी से जूझ रहे 35 वर्षीय स्पिनर ने कहा, 'हां, मैं परेशान और निराश हूं। पाकिस्तान क्रिकेट में शोषण का शिकार होने का ये मतलब नहीं कि मैं भारतीय बोर्ड से मदद की गुहार लगाने जा रहा हूं। मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि किन साक्ष्यों के आधार पर मुझे प्रतिबंधित किया गया और पाकिस्तानी बोर्ड किस वजह से मेरे मामले में ध्यान नहीं दे रहा है और इसे किनारे कर रखा है। मैं किसी दूसरे देश से मदद क्यों मागूंगा। मुझे एक मौका मिले इसके लिए मैं पीसीबी से दोबारा आग्रह कर सकता हूं।'
कनेरिया के बड़े भाई ने भी कहा कि भारतीय बोर्ड से मदद मांगने की कोई योजना नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि कनेरिया कई साल से भुगत रहा है और उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। हम संयुक्त परिवार में रहते हैं जिससे उसका गुजारा हो रहा है।
कनेरिया को काउंटी क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग मामले में 2012 में आजीवन प्रतिबंधित किया गया था। कनेरिया ने ईसीबी ट्रिब्यूनल और कोर्ट में भी दो अपील की थीं, लेकिन खारिज हो गईं। ईसीबी ने अब सिंध हाई कोर्ट में अपील करके मांग की है कि उसकी संपत्ति बेचकर स्पॉट फिक्सिंग मामले में अदालत कार्यवाही का खर्च वसूल किया जाए।