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आखिरी मैच से पहले पांड्या ने किया ऐसा वादा, खुश हो जाएंगे टीम इंडिया के फैंस

पांड्या ने कायदे में मुझे टीम के लिए मैच खत्म करना चाहिए था और ये सभी चीजें सीखने का हिस्सा हैं।

By Bharat SinghEdited By: Published: Thu, 06 Jul 2017 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 06 Jul 2017 05:44 PM (IST)
आखिरी मैच से पहले पांड्या ने किया ऐसा वादा, खुश हो जाएंगे टीम इंडिया के फैंस
आखिरी मैच से पहले पांड्या ने किया ऐसा वादा, खुश हो जाएंगे टीम इंडिया के फैंस

किंग्सटन, पीटीआइ। वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार को पांचवें और अंतिम वनडे मैच में बेखौफ क्रिकेट खेलने का वादा करते हुए हार्दिक पांड्या ने कहा कि पिछले मैच में विफल रहने के बावजूद उन्हें यकीन है कि वह भारत के लिए फिनिशर की भूमिका निभाएंगे। 

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भारत को जब 31 गेंद में 29 रन की दरकार थी तब पांड्या (21 गेंद में 20 रन) पवेलियन लौट गए और भारत को अंतत: 11 रन से हार मिली। महेंद्र सिंह धौनी ने भी 114 गेंद में 54 रन की बेहद धीमी पारी खेली।

धौनी के साथ साझेदारी के बारे में पांड्या ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि वे 190 रन के लक्ष्य को पा लेंगे। ईमानदारी से कहूं तो धौनी के साथ बातचीत काफी सामान्य थी। हम दोनों के पास जो क्षमता है उससे हम पारी को आगे बढ़ाना चाहते थे और फिर लक्ष्य हासिल करते। 

आमतौर पर समय हम 29 गेंद में 31 रन बना लेते, लेकिन हम मैच खत्म नहीं कर पाए। कायदे में मुझे टीम के लिए मैच खत्म करना चाहिए था और ये सभी चीजें सीखने का हिस्सा हैं। अंतिम मैच में हम बिना किसी डर के खेलेंगे। पिछला मैच उन मैचों में से था जब चीजें आपके पक्ष में नहीं होतीं।

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में रवींद्र जाडेजा के साथ गलतफहमी का शिकार होने के बाद रन आउट होने से पहले पांड्या अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और इस ऑलराउंडर ने कहा कि वह नाराज थे, लेकिन इससे उबरने में अधिक समय नहीं लगा। 

पांड्या ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं, तो सिर्फ तीन मिनट लगे। यह सिर्फ त्वरित प्रतिक्रिया थी। मुझे तेजी से गुस्सा आ गया और कुछ मिनट बाद मैं ड्रेसिंग रूम में हंस रहा था। मुझे देखकर कुछ और खिलाड़ी भी हंस रहे थे।' पांड्या ने कहा कि आइपीएल में मुंबई इंडियंस टीम के अपने साथियों के कारण उन्हें वेस्टइंडीज आने से पहले ही कैरेबियाई की परिस्थितियों की जानकारी थी। 

उन्होंने कहा, 'मैं कई नामों (कीरोन पोलार्ड और लेंडल सिमंस जो वनडे टीम का हिस्सा नहीं हैं) के काफी करीब हूं। सबसे पहले मैंने पोलार्ड को फोन किया। मैंने उनसे पिचों और हालात के बारे में पूछा। वह मेरे लिए मेरी दूसरी मां से पैदा हुए मेरे भाई जैसे हैं। उनके खिलाफ खेलना अच्छा होगा।' 

पांड्या को बडे़ छक्के जड़ने के लिए जाना जाता है, लेकिन मैच की स्थिति के अनुसार उन्होंने धैर्यपूर्ण पारियां भी खेली हैं। पांड्या के अनुसार कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव से निपटने में उनकी मदद की है। पांड्या ने कहा, 'उन्होंने काफी मदद की है। मुझे याद है कि जब मैंने इंग्लैंड के खिलाफ 43 गेंदों में 40 रन बनाकर मैच खत्म किया, तो उस दिन विराट ने मुझे कहा कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट कॉपी-पेस्ट की तरह है और आपको अपने प्रदर्शन को दोहराना होगा। मैं इन सभी चीजों को दिमाग में रखता हूं। खिलाड़ियों पर उनका काफी प्रभाव है।'

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