अपनी पत्नी के लिए अगला विश्व कप खेलना चाहता है ये भारतीय विकेटकीपर, धौनी को मिलेगी चुनौती
ये भारतीय विकेटकीपर भी खेलना चाहता है अगला विश्व कप।
कोलकाता। महेंद्र सिंह धौनी इस वक्त जैसा प्रदर्शन कर रहे हैं उससे लगता तो नहीं है कि फिलहाल भारतीय वनडे टीम में कोई अन्य विकेटकीपर उनकी जगह ले सकता है लेकिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा है कि उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप में खेलने के अपने सपने को मरने नहीं दिया है। वो अगले वर्ल्ड कप में खेलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
साहा ने कहा कि उनकी धर्मपत्नी (रोमी) का ये सपना है कि मैं विश्व कप में खेलूं। वो मुझे किसी भी हाल में अगले विश्व कप में खेलते देखना चाहती हैं। उन्होंने मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है और मैं इसके लिए कोशिश भी कर रहा हूं लेकिन ये पूरी तरह से भारतीय क्रिकेट टीम के सेलेक्टर पर निर्भर करता है कि वो मुझे विश्व कप में खेलने का मौका देते हैं या नहीं। साहा अगले महीने 33 वर्ष के हो जाएंगे।
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका का 9-0 से क्लीन स्वीप किया और अब उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच वनडे और तीन टी20 मैचों की सीरीज खेलनी है। वनडे मैचों की सीरीज की शुरुआत 17 सितंबर को चेन्नई में होगा। साहा का ये मानना है कि विराट की सेना को भारतीय धरती पर हराना काफी मुश्किल होगा। भारतीय टीम को भारत में हराना काफी मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन मैं इस सीरीज में जीत के दावेदार के तौर पर भारत को देखता हूं।
साहा के मुताबिक भारतीय टीम का बेंच स्ट्रेंथ काफी मजबूत है। टीम अब 2019 विश्व कप की तैयारी कर रही है और इस वजह से खिलाड़ियों को रोटेट किया जा रहा है। भारतीय टीम इस वक्त किसी भी कांबिनेशन के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रही है जो टीम के लिए अच्छी बात है। अक्षर, युजवेंद्र और कुलदीप यादव टीम में अश्विन और जडेजा की जगह खेल रहे हैं और ये तीनों भारतीय स्पिन अटैक को और भी मजबूत बना रहे हैं। उनकी जब भी जरूरत होगी वो तैयार मिलेंगे। आपको बता दें कि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा था भविष्य में रिद्धिमान साहा समिति प्रारूप में धौनी को रिप्लेस कर सकते हैं।
साहा ने कहा कि वो अपने खेल को सुधारने की कोशिश हमेशा करते रहते हैं। मैं जो भी सीखता हूं उसे अपने खेल में शामिल करने की कोशिश करता हूं। इसके बाद सबकुछ सेलेक्टर कमेटी पर निर्भर करता है। साहा को वनडे में ज्यादा मौके नहीं मिलते और इस वजह से वो इस प्रारूप में अपने आप को साबित नहीं कर पाए हैं।