क्या सचिन के नाम का फायदा मिला 'अर्जुन' को और इनकी हुई अनदेखी ?
सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के हुबली में चल रहे अंडर-16 इंटर जोनल क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए पश्चिम क्षेत्र टीम में चयन के बाद से ही सोशल मीडिया पर बहस चल रही है। यह आरोप लगाए जा रहे है कि जनवरी में स्कूली क्रिकेट में 1009 रनों की पारी
मुंबई। सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के हुबली में चल रहे अंडर-16 इंटर जोनल क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए पश्चिम क्षेत्र टीम में चयन के बाद से ही सोशल मीडिया पर बहस चल रही है। यह आरोप लगाए जा रहे है कि जनवरी में स्कूली क्रिकेट में 1009 रनों की पारी खेलने वाले प्रणव धनावड़े को नजरअंदाज कर अर्जुन को सिर्फ सचिन का बेटा होने की वजह से टीम में स्थान मिला। उत्तर क्षेत्र के खिलाफ पहले मैच में अर्जुन के निराशाजनक प्रदर्शन के बात उनकी लगातार आलोचना की जा रही है।
अर्जुन उत्तरक्षेत्र के खिलाफ पहली पारी में शून्य पर आउट हुए और वे 52 रन देकर सिर्फ 1 विकेट ले सके। वे दूसरी पारी में भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए थे। 2014 में जब अर्जुन का मुंबई टीम में चयन हुआ था तब भी यह आरोप लगा था कि उन्हें मास्टर ब्लास्टर सचिन का बेटा होने का लाभ मिला है।
आटो चालक के बेटे प्रणव ने जनवरी में स्कूली क्रिकेट में 1009 रनों की विश्व रिकॉर्ड पारी खेली थी तो लग रहा था कि उन्हें जल्दी ही मुंबई की तरफ से खेलने का मौका मिलेगा। सचिन तेंदुलकर ने उन्हें अपना ऑटोग्राफ किया हुआ बैट भेंट किया था और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें अगले 5 वर्षों तक 10 हजार रुपए मासिक स्कॉलरशिप देने की घोषणा की थी। अब सोशल मीडिया पर यह बहस चल रही है कि विश्व कीर्तिमानधारी प्रणव स्टार किड अर्जुन से हार गया। प्रणव धनावड़े को एकलव्य बताया जा रहा है, जिसे अर्जुन के कारण नजरअंदाज किया गया।