धर्मशाला में कप्तानी करने वाले अजिंक्य रहाणे ने बोली ये बात, जीत लिया दिल
धर्मशाला टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को पस्त करने के बाद इस मैच में भारत की कप्तानी करने वाले अजिंक्य रहाणे ने टीम इंडिया के बारे में एक अहम बात कह दी।
धर्मशाला, जेएनएन। धर्मशाला में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ के चौथे औरर अहम मैच में कप्तानी करने वाले अजिंक्य रहाणे ने भारत की जीत को लेकर अहम बात बोली है। इस टेस्ट से पहले ये सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर थी और ऊपर से विराट कोहली के इस निर्णायक मुकाबले में न खेलने की खबर ने भारतीय फै्स की चिंता बढ़ा दी थी। लेकिन रहाणे ने ना सिर्फ टीम इंडिया का दमदार तरीके से नेतृत्व किया बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी कप्तानी का लोहा मनवा लिया।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में धर्मशाला में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में टीम की कमान संभालने वाले खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे ने मंगलवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया है।
भारत ने मंगलवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथी पारी में 106 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 से जीत हासिल की। दोनों टीमों के बीच रांची में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ था।
अपने एक बयान में रहाणे ने कहा, ‘मैंने सच में इस श्रृंखला में खेलने का आनंद लिया। इस जीत का श्रेय टीम के सभी खिलाड़ियों को जाता है’।
रहाणे ने कहा, ‘इसी श्रृंखला का ही नहीं, बल्कि इस सीजन में खेले गए हर मैच की जीत का श्रेय टीम को जाता है। एक कप्तान के तौर पर चौथा मैच जीतने से खुश हूं। हमने चौथे दिन के मैच में भोजनकाल के बाद सोच लिया था कि अगर हम उन्हें रन बनाने से रोकते हैं और एक भी विकेट लेते हैं, तो हम अच्छी वापसी कर सकते हैं। इस सत्र में जिस प्रकार से कुलदीप ने गेंदबाजी की, उन्हें सलाम है। उमेश, भुवनेश्वर, इशांत और मोहम्मद शमी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। आस्ट्रेलिया ने बहुत अच्छा खेल दिखाया और कड़ी टक्कर दी’।
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इस श्रृंखला के 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' और चौथे मैच में 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने जाने पर खुशी जताते हुए रवींद्र जडेजा ने कहा, ‘शीर्ष स्तर का टेस्ट गेंदबाज बनकर खुश हूं। इस जीत का हिस्सा बनने पर खुशी है’।
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जडेजा ने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था, तो मैंने समय लेकर खेलने की सोची। पीछे से मैथ्यू वेड ने दखल देने की कोशिश की और इससे मैं प्रेरित हुआ। कोच और कप्तान मुझे कह रहे थे कि मुझमें अच्छी बल्लेबाजी का कौशल है। कुछ दिन पहले मुझे लोग टेस्ट क्रिकेट का खिलाड़ी नहीं समझते थे। इस सीजन में उन लोगों को उनका जवाब मिल गया है। आशा है कि हम भारत के बाहर भी इस प्रदर्शन को जारी रखेंगे। मैं अगली बार शतक बनाने की कोशिश करूंगा’।