छत्तीसगढ़ में चरणबद्ध शराबबंदी आखिरी उद्देश्य : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि चरणबद्ध शराबबंदी ही सरकार का अंतिम उद्देश्य है और इस बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।
रायपुर। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि चरणबद्ध शराबबंदी ही सरकार का अंतिम उद्देश्य है और इस बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।
विपक्ष द्वारा आबकारी नीति तथा शराबबंदी को लेकर सदन में किए जा रहे गतिरोध को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अप्रत्याशित तथा दु:खद बताते हुए कहा कि यह सदन के समय तथा जनता के खून-पसीने की कमाई का अपव्यय है। आबकारी नीति राज्य व्यवस्था का हिस्सा रही है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस को यह जवाब देना चाहिए कि ७० साल तक इस विषय में क्यों नहीं सोचा और निर्णय क्यों नहीं लिया?
मुख्यमंत्री ने कहा कि आबकारी नीति पर सुविचारित और सुनियोजित कदम उठाए जा रहे हैं। वैसे भी आंशिक शराबबंदी की प्रक्रिया में हम पिछले कुछ वर्षों से लगे हुए हैं और इस दिशा में कई प्रयास किए हैं, जो सबके संज्ञान में हैं। शराबबंदी को सिर्फ राजनीति का विषय बनाया जाना उचित नहीं है।
डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विस्तार में ऐसे अंचल भी हैं, जहां गरीबों में भी गरीब, वंचितों में भी वंचित लोग हैं। बस्तर में विकास और विश्वास की लंबी प्रक्रिया को सफलता मिल रही है। छह दशकों की गलत नीतियों के कारण खेती-किसानी लाभ का नहीं, बल्कि घाटे का काम बन गया, वही लोग आज मीन-मेख निकालकर किसानों का मसीहा बनने की कोशिश करते हैं।
सकारात्मकता शांति-समन्वय छत्तीसगढ़ की बड़ी पूंजी
डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य में विकास के साथ सकारात्मकता, शांति, समन्वय और भाईचारे का जो वातावरण छत्तीसगढ़ में है, वह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। इस पूंजी को हम नई सोच, नई प्रौद्योगिकी, नई रणनीति और हर तरह के नवाचार से बढ़ा रहे हैं। इसी का नतीजा है राज्य में निवेशकों का बढ़ता विश्वास। लगातार दूसरी बार भारत सरकार एवं विश्व बैंक द्वारा कराए गए ई ऑफ डूइंग बिजनेस का सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ देश के अव्वल ४ राज्यों में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है।