आईएएस का किडनैपर नक्सली कमांडर गिरफ्तार, किए सनसनीखेज खुलासे
तेलंगाना इलाके में 12 साल से नक्सल गतिविधियां चला रहे 8 लाख के इनामी कमांडर भीमा उर्फ आकाश को तेलंगाना सीमा के पास छत्तीसगढ़ पुलिस की स्पेशल एसआईबी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।
रायपुर। तेलंगाना इलाके में 12 साल से नक्सल गतिविधियां चला रहे 8 लाख के इनामी कमांडर भीमा उर्फ आकाश को तेलंगाना सीमा के पास छत्तीसगढ़ पुलिस की स्पेशल एसआईबी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में खुलासा किया कि 4 साल पहले सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का किडनैप उसी ने किया था।
गुरुवार को स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने कमांडर भीमा को मीडिया के सामने पेश किया। भीमा उर्फ आकाश ने बताया कि वह 60 नक्सलियों की टुकड़ी का कमांडर था। 2012 में तत्कालीन सुकमा कलेक्टर मेनन के अपहरण में उसका अहम रोल था। भीमा ने बताया कि वह लगातार 9 दिन तक मेनन के साथ था। इस दौरान मेनन ने उससे कई बार कहा कि सरेंडर करे। भीमा ने खुलासा किया कि एलेक्स पॉल का अपहरण जिस जगह किया गया, 9 दिन उन्हें उसी के आसपास रखा गया। राज्य से बाहर नहीं ले जाया गया। कलेक्टर का अपहरण क्यों किया, कैसे छोड़ा गया, इस बारे में भीमा ने जानकारी देने में असमर्थता जता दी।
शादी के बाद करवाई गई भीमा की नसबंदी
भीमा की शादी के बाद उसे लेकर कुछ बड़े नक्सली नेता रायपुर लेकर आए थे। राजधानी के एक बड़े नर्सिंग होम में ले जाकर उसकी नसबंदी करवा दी गई। कुछ घंटे भर्ती रखने के बाद अस्पताल से उसे छुट्टी दे दी गई। डाक्टर ने भी इस नसबंदी पर कोई ऐतराज नहीं किया। नक्सली कमांडर भीमा ने बताया कि डाक्टर ने सर्जरी के पहले यह जरूर पूछा कि आपकी शादी हो चुकी है? कितने बच्चे हैं? भीमा ने जब बताया कि अभी-अभी शादी हुई है, तब डाक्टर ने पूछा कि क्यों नसबंदी करवाना चाहते हैं। भीमा के अनुसार उसे पहले ही बता दिया गया था कि क्या कहना है। उसने कह दिया कि उसके भाई और बहन हैं। उसे औलाद की जरूरत नहीं है। इतना सुनने के बाद डाक्टर ने नसबंदी के लिए ऑपरेशन थियेटर भेज दिया। ये भी नहीं पूछा कि कहां से आए हो, क्या काम करते हो। नसबंदी के थोड़ी देर बाद डाक्टर ने उससे हालचाल पूछा, फिर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
किशनजी की पत्नी का सहयोगी
माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के मेंबर किशनजी की पत्नी के बारे में भीमा ने बताया कि वह उसके साथ काम कर चुका है। किशनजी की पत्नी अब भी बस्तर में सक्रिय है। एसआईबी अफसरों का कहना है कि पूछताछ में उससे और भी खुलासे होंगे। गुरुवार को उसकी गिरफ्तारी का खुलासा करने के बाद उसे रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है।
बिना डिग्री का डॉक्टर
भीमा उर्फ आकाश ने किताबें पढ़कर ही डाॅक्टरी सीखी। वह इंजेक्शन लगाने से सर्जरी तक कर लेता था। वह गोली निकालने में भी माहिर है।पिछले साल उसने एक बड़े नक्सली नेता के शरीर से गोली निकाली थी। सीआरपीएफ के दल को विस्टफोट से उड़ाने वाली घटनाओं में उसका हाथ रहा है।
12 साल में फूटी कौड़ी नहीं
भीमा 12 साल से सीधे नक्सली मूवमेंट से जुड़ा है। आठवीं में सप्लीमेंट्री के बाद उसने किसी तरह पूरक परीक्षा पास की। वह आश्रम स्कूल में दाखिला लेना चाहता था, पर प्रवेश नहीं मिला। इस बीच नक्सली गांव आए और उसे ले गए। उसके बाद से अब तक वह जंगल में लड़ाई लड़ रहा है। उसका कहना है कि उसे अपने 60 सदस्यों वाले दल के खाने और कपड़े के लिए एक साल के 4 लाख रुपए दिए जाते थे। पूरे पैसे साथियों के भोजन और कपड़े वगैरह में खर्च हो जाते थे। किसी को कभी वेतन वगैरह नहीं दिया गया।