झीरम केस दोबारा सीबीआई को भेजे सरकार: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि झीरम कांड के षडयंत्र का पता लगाने के लिए इसकी सीबीआई जांच जरूरी है। सीबीआई ने झीरम कांड की जांच से इंकार कर दिया है, तो राज्य सरकार को इस मामले को दोबारा सीबीआई में भेजना चाहिए।
रायपुर, ब्यूरो। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि झीरम कांड के षडयंत्र का पता लगाने के लिए इसकी सीबीआई जांच जरूरी है। सीबीआई ने झीरम कांड की जांच से इंकार कर दिया है, तो राज्य सरकार को इस मामले को दोबारा सीबीआई में भेजना चाहिए और केंद्र सरकार से भी पहल करने को कहना चाहिए। बघेल ने कहा कि पहले तो राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या सचमुच सीबीआई ने जांच करने से इंकार कर दिया है। अगर ऐसा हुआ है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग इसलिए की थी, क्योंकि झीरम कांड के षडयंत्र की जांच कोई एजेंसी नहीं कर रही है। इसका अधिकार न आयोग के पास है और न एनआईए ने इसकी जांच की।
25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर झीरम घाटी में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल सहित 29 लोग मारे गए थे। इसे देश के सबसे ब़डे राजनीतिक हत्याकांड के रूप में देखा जाता है। बघेल ने कहा कि यदि एनआईए की जांच को आधार बनाकर सीबीआई जांच से इंकार करती है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा। एनआईए की चार्जशीट से साफ है कि एनआईए ने षडयंत्र की जांच नहीं की है। झीरम कांड एक ब़डा षडयंत्र दिखता है, जिससे दिग्गज कांग्रेस नेताओं की शहादत जु़डी है। यह कांग्रेस के पूरे नेतृृत्व के सफाए का षडयंत्र प्रतीत होता है।
सीबीआई की भिलाई टीम पर जांच पर सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने पहले दिन ही इस बात पर आपत्ति की थी कि सीबीआई की भिलाई शाखा जब सिर्फ आर्थिक अपराधों की जांच के लिए सक्षम है, तो जांच उसे क्यों सौंपी गई। उन्होंने कहा कि क्या यह सिर्फ संयोग है कि एनआईए की चार्जशीट केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद फाइल की गई और उसमें षडयंत्र का कोई जिक्र नहीं किया गया। अगर सीबीआई षडयंत्र की जांच नहीं करती है तो ऐसा प्रतीत होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसी को तो बचाना चाहती हैं इसलिए षडयंत्र की जांच नहीं करवाई जा रही है।