घटिया नमक सप्लाई करने वाली कंपनियों पर आठ करोड़ का जुर्माना
अफसरों पर कार्रवाई को लेकर खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले को घेरने की कोशिश की।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को अमानक अमृत नमक वितरण का मामला जोर-शोर से उठा। मुख्य विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने प्रदेश में बांटे जा रहे आयोडीनयुक्त नमक की खरीदी, वितरण, गुणवत्ता जांच और अफसरों पर कार्रवाई को लेकर खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले को घेरने की कोशिश की। खाद्य मंत्री मोहले ने अपने जवाब में कहा कि गुजरात की दो आपूर्तिकर्ता कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की गई है। दोनों कंपनियों से करीब आठ करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने यह मामला उठाया। उन्होंने राज्य में आयोडीनयुक्त नमक का वितरण कब से किए जाने और उसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए। खाद्य मंत्री ने बताया कि नमक का वितरण 26 फरवरी, 2004 से किया जा रहा है और नवंबर 2015 से रिफाइंड आयोडाइज्ड नमक वितरण किया जा रहा है। नमक के गुणवत्ता परीक्षण के लिए अब तक 1536 सैम्पल की गुणवत्ता जांच आईडीडी लैब खाद्य औषधि प्रशासन विभाग से कराई गई है। इसमें 1297 मानक स्तर तथा शेष 239 सैम्पल अमानक स्तर के पाए गए। विधायक भूपेश बघेल ने पूछा कि 2004 से अब तक अमानक नमक की आपूर्ति की गई, लेकिन किसी के खिलाफ कोर्ठ कार्रवाई नहीं हुई। उन्होनें इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। खाद्य मंत्री ने कहा कि नमक आपूर्ति करने वाली गुजरात की एक कंपनी रमेश साल्ट पर चार करोड़ 30 लाख और एक अन्य कंपनी पर तीन करोड़ 60 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है। इनकी संपत्ति राजसात भी की गई है। आपराधिक मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। विधायक भूपेश बघेल ने संबंधित दोनों कंपनियों के पंजीयन के बारे में जानकारी चाही और अमानक नमक आपूर्ति करने वाली कंपनियों से रिकवरी करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। खाद्य मंत्री ने कहा कि पूर्व में वितरित नमक की जांच संभव नहीं है। कंपनियों के खिलाफ पूर्व में वितरित नमक की जांच संभव नहीं है। आवश्यकता होगी तो टेंडर शर्तों के तहत और कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर को लेकर परीक्षण भी कराया जा रहा है।