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शव को बाइक में रखकर 15 किमी अस्पताल का सफर

रायगढ़। सड़क हादसे में मृत युवक को अस्पताल ले जाने से संजीवनी कर्मियों के इनकार करने के बाद युवक के साथी उसे बाइक में लादकर 15 किलोमीटर दूर आस्पताल पहुंचे। सड़क हादसे में युवक के घायल होने पर संजीवनी एंबुलेंस को बुलाया गया था लेकि न एंबुलेंस के पहुंचने से पहले की युवक की मौत हो गई और संजीवनी कर्मियों ने शव को एंबुलेंस में रखने

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2016 05:25 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2016 05:45 AM (IST)
शव को बाइक में रखकर 15 किमी अस्पताल का सफर

रायगढ़। सड़क हादसे में मृत युवक को अस्पताल ले जाने से संजीवनी कर्मियों के इनकार करने के बाद युवक के साथी उसे बाइक में लादकर 15 किलोमीटर दूर आस्पताल पहुंचे। सड़क हादसे में युवक के घायल होने पर संजीवनी एंबुलेंस को बुलाया गया था लेकि न एंबुलेंस के पहुंचने से पहले की युवक की मौत हो गई और संजीवनी कर्मियों ने शव को एंबुलेंस में रखने से इनकर कर दिया।

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मूलतः कोतरारोड़ थानांतर्गत ग्राम नावापारा निवासी भूपेन्द्र नायक पिता धनुर्जय नायक उम्र 29 वर्ष वर्तमान में पंजरीप्लांट में किराए के मकान में रहकर सालासर फैक्ट्री में काम करता था। 14 जनवरी की शाम वह अपने दो अन्य मित्र दिनेश चौधरी और उमेश बरेठ के साथ पोरथ मकर संक्रांति मेला देखने गया था।

बताया गया कि उसके दोनों मित्र अलग बाइक में सवार थे जबकि वह एक बाइक में सवार होकर मेला देखने गया हुआ था। रात करीबन दो बजे जब तीनों मित्र चंद्रपुर रास्ते से लौट रहे थे। तभी तेतला के पेट्रोल पंप के पास भूपेन्द्र नायक की बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई। नतीजतन मृतक के सिर एवं हाथ पैर में गंभीर चोंट आई थीं। मित्रों ने तत्काल संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस को दुर्घटना की जानकारी भी दी।

थोड़ी देर बार संजीवनी एंबुलेंस घटनास्थल पहुंची लेकिन तक युवक की मौत हो चुकी थी। एंबुुलेंस में उपस्थित डॉक्टर ने इसकी पुष्टी कर दी। यवुक के मित्रों ने संजीवनी के कर्मियों ने उसे अस्पताल ले जाने की मिन्नत की लेकिन संजीवनी कर्मियों ने इससे इनकार कर दिया और चालक एंबुलेंस को वापस ले गया ।

उधर सड़क में युवक की लाश पड़ी रही। संजीवनी कर्मियों द्वारा शव उठाने से मना करने के बाद मृतक के मित्रों ने उसे वाहन को रोककर मदद मांगी, मगर उन्हें किसी भी वाहन ने मदद नहीं की। अंत में दोनों युवकों ने शव को बाइक में लादाकर अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया और 15 किलोमीटर सपᆬर कर शासकीय अस्पताल पहुंचे।

पहले भी बरती गई है लापरवाही हमेशा कुछ ना कुछ लापरवाही सामने आती रहती है। करीब साल भर पहले लैलूंगा क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। उस समय आग से जलने वाली एक महिला को इसलिये अस्पताल नहीं पहुंचाया गया था क्योंकि महिला का गांव लैलूंगा से अत्यधिक दूर था।

ऐसे में महिला के परिजन उसे किराये की वाहन में लैलूंगा अस्पताल पहुंचाये थे। वर्सन यह मामला बेहद चिंतनीय है, मैं तत्काल इसकी छानबीन करवाता हूं। जांच पड़ताल के बाद संबंधित चालक एवं अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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