कोयला घोटाले को लेकर वंदना ग्रुप में सीबीआई छापा
वंदना ग्रुप की तीन कंपनियों के दफ्तरों में गुरुवार सुबह सीबीआई की दबिश से हड़कंप मच गया। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम अचानक रायपुर पहुंची और ग्रुप बनाकर रायपुर, बिलासपुर और कोरबा में कंपनी के दफ्तरों में छापे मारे।
रायपुर [ब्यूरो]। वंदना ग्रुप की तीन कंपनियों के दफ्तरों में गुरुवार सुबह सीबीआई की दबिश से हड़कंप मच गया। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम अचानक रायपुर पहुंची और ग्रुप बनाकर रायपुर, बिलासपुर और कोरबा में कंपनी के दफ्तरों में छापे मारे। रायपुर में उरला स्थित वंदना इस्पात और एमजी रोड स्थित वंदना ग्लोबल के दफ्तर में टीम पहुंची। वहां कोल ब्लॉक के आवंटन से संबंधित तमाम दस्तावेजों को खंगाला गया। छापे के दौरान अफसरों ने कई फाइलें टटोलीं और वहां के स्टॉफ से कोल ब्लॉक के संबंध में पूछताछ की।
सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2006 में वंदना ग्रुप के फतेहपुर स्थित कोल ब्लॉक को केंद्र की कोल इंडिया लिमिटेड ने रद्द किया था। वंदना ग्रुप के मालिक विनोद अग्रवाल हैं। इसका आवंटन रद्द होने से ठीक पहले कोयले का बड़ा घोटाला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह फैसला लिया गया था। इस मामले की सीबीआई जांच कर रही है। कोल ब्लॉक की क्षमता तकरीबन 280 मिलियन टन थी। हालांकि अब इस कोल ब्लॉक की नए सिरे से सरकार की ओर से नीलामी की जाएगी।
जांच के तहत ही सीबीआई के अफसर रायपुर पहुंचे और यहां से दो अलग-अलग टीमें कोरबा और बिलासपुर के लिए रवाना हुईं। तीनों टीमों ने योजनाबद्ध तरीके से एक ही समय पर दबिश दी और दस्तावेज एकत्र कर लौट गए। तीन महीने पहले भी वंदना ग्रुप की उरला और ओडिशा स्थित फैक्टरियों पर दिल्ली के आयकर विभाग का छापा पड़ा था। उसकी जांच अब भी जारी है।