रमन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश
विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के साथ अभद्र व्यवहार व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के निवास की नाम पट्टिका पर कालिख पोते जाने का मामला जोरशोर से उठा।
रायपुर [ब्यूरो]। विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के साथ अभद्र व्यवहार व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के निवास की नाम पट्टिका पर कालिख पोते जाने का मामला जोरशोर से उठा। कांग्रेस विधायकों ने इस मामले को नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले से जोड़कर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। बाद में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने रमन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष के साथ अभद्र व्यवहार और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के निवास की नामपट्टिका पर कालिख पोते जाने का मामला उठाया।
शर्मा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने अभद्र व्यवहार किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के निवास की नामपट्टिका पर कालिख पोती गई। उन्होंने पूछा कि पुलिस क्या कर रही थी? विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि जब विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं तो कौन सुरक्षित है? सदस्य भूपेश बघेल ने कहा कि यदि विधायक ही सुरक्षित नहीं हंै तो सदन में वे क्या बात करेंगे? यह मामला भी नान से जुड़ा हुआ है। सरकार के संरक्षण में विधायकों पर हमला कराया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
प्रश्नकाल खत्म होते ही सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव पर पुनर्विचार के लिए प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने आसंदी से स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर चर्चा कराने का आग्रह किया। धनेंद्र साहू ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ जो दुव्र्यवहार किया गया है, वह भी स्थगन के विषय में जुड़ा है।
भूपेश बघेल ने कहा कि वे सोमवार को अपने निवास में बैठे थे, तभी बाहर से नारेबाजी की आवाज आई और पता चला कि नेमप्लेट पर भी कालिख पोती गई है और पत्थरबाजी की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष उनके निवास पर आ रहे थे तो उनसे दुव्र्यवहार किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला नान घोटाले से ध्यान बंटाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने स्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर चर्चा कराने का आग्रह किया।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गृहमंत्री घटना पर अपना वक्तव्य देंगे। गृहमंत्री रामसेवक पैकरा और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने घटना की निंदा की। कृषि मंत्री ने घटना को दुर्भाग्यजनक बताते हुए खेद प्रकट किया। विधानसभा अध्यक्ष ने श्री अग्रवाल के संकल्प को उचित बताते हुए इस पर प्रस्ताव लाने की जानकारी दी।
भूपेश बघेल ने कहा कि उन्हें सदन के नेता पर विश्वास नहीं है। बाद में इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी व हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई दस मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू होने पर सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, कवासी लखमा ने फिर यह मामला उठाया और चर्चा कराने का आग्रह किया। सदस्य बृहस्पति सिंह ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की मांग की। इसके बाद पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि सत्तापक्ष में सच्ची भावना नहीं है। पूरी घटना को होने दिया गया और पुलिस पीछे चलकर आ रही थी। हम को सदन के नेता पर विश्वास नहीं रह गया है। उन्होंने इसके बाद सरकार के खिलाफ अविश्वास पेश कर दिया।