मोदी का छत्तीसगढ़ को 24 हजार करोड़ का तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में विकास को बढ़ावा देने के लिए 24,000 करोड़ रुपए का तोहफा दिया है।
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में विकास को बढ़ावा देने के लिए 24,000 करोड़ रुपए का तोहफा दिया है। मोदी की एक दिवसीय छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान एनएमडीसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, रेल मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच रेल लाइन, स्टील प्लांट, पाइप लाइन और पेलेट प्लांट की स्थापना के लिए कुल 24,000 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
18000 करोड़ से लगेगा स्टील प्लांट
इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार के स्टील मंत्रालय, सेल और एनएमडीसी ने 18000 करोड़ रुपए के निवेश से 30 लाख टन क्षमता का अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट स्थापित करने के लिए भी समझौता किया गया हैं। यह प्रोजेक्ट भारतीय स्टील उद्योग को नई गति देगा। 2025 तक सरकार ने देश में स्टील उत्पादन का लक्ष्य 30 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है, जो कि वर्तमान में 10 से 11 करोड़ टन है। यह नया प्लांट इस लक्ष्य को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
2000 करोड़ रुपए की रेल लाइन
एनएमडीसी लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने संयुक्त रूप से शनिवार को छत्तीसगढ़ सरकार के साथ रावघाट और जगदलपुर के बीच 140 किलोमीटर लंबे रेल लाइन निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 2000 करोड़ रुपए है।
4000 करोड़ की पाइपलाइन
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार और एनएमडीसी लिमिटेड ने 4000 करोड़ रुपए के निवेश से बस्तर जिले में एक गारा पाइपलाइन और 20 लाख टन सालाना क्षमता का पेलेट प्लांट स्थापित करने के लिए एमओयू किया है।
826 करोड़ का पेलेंट प्लांट
छत्तीसगढ़ सरकार और सेल ने भी बलोद जिले में 826 करोड़ रुपए के निवेश से 10 लाख टन सालाना क्षमता का पेलेट प्लांट स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
छत्तीसगढ़ बदल सकता है देश का भविष्य: पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर के बारे में कहा कि ये प्रदेश देश का भविष्य बदल सकता है। प्रधानमंत्री ने एक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तरवासियों की धारणा रही है कि यहां की धरती से प्राप्त संपदा का उपयोग एवं प्रसंस्करण बस्तर में ही हो। उनकी यह इच्छा आज 24 हजार करोड़ के अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट परियोजना के जरिये पूर्ण होने जा रही है, जिसमें बस्तर के लौह अयस्क का यहीं उपयोग कर स्टील का निर्माण किया जाना संभव होगा। अब तक यहां के लौह अयस्क का अधिकांश हिस्सा विदेशों में भेजा जा रहा था। उन्होंने कहा कि देश की पहली प्राथमिकता नौजवानों के लिए रोजगार सुलभ कराना है और इन परियोजनायों के जरिए 10 हजार से ज्यादा स्थानीय नौजवानों के लिए रोजगार के रास्ते खुलने जा रहे हैं। 50 वर्ष बाद बस्तर में नई रेल लाईन की शुरुआत हो रही है। इन योजनाओं से बस्तर की जिंदगी में बदलाव आएगा।