थर्ड जेंडर अब बन सकेंगे महिला या पुरुष
किन्नरों के लिए यह अच्छी खबर है कि वे भी सामान्य महिला व पुरुषों की तरह जीवन बिता सकेंगे। थर्ड जेंडर [तीसरे लिंग] यानी किन्नरों को ऑपरेशन से उनकी इच्छा के मुताबिक महिला या पुरुष बनाने की तैयारी चल रही है।
रायपुर [निप्र]। किन्नरों के लिए यह अच्छी खबर है कि वे भी सामान्य महिला व पुरुषों की तरह जीवन बिता सकेंगे। थर्ड जेंडर [तीसरे लिंग] यानी किन्नरों को ऑपरेशन से उनकी इच्छा के मुताबिक महिला या पुरुष बनाने की तैयारी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पहल शुरू कर दी है। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की टीम लिंग प्रत्यारोपण ऑपरेशन की स्टडी के लिए तमिलनाडु जाएगी। राज्य के किन्नरों ने इस पहल का स्वागत किया है।
राज्य के समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तमिलनाडु में वर्ष 2009 से थर्ड जेंडर का लिंग प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया जा रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी थर्ड जेंडर के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, उनके मुताबिक हेल्थ सेंटर बनाए जाएं। साथ ही उनके मन मुताबिक ऑपरेशन कर महिला व पुरुष बनाया जाए, ताकि वे भी सामान्य जीवन का सुख ले सकें।
दूसरों को दुआएं देने वाले किन्नर को कोई दुआ नहीं देता। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सेवा संचालक आर.प्रसन्ना ने बताया कि यह संभव है कि किन्नर को ऑपरेशन कर महिला व पुरुष बनाया जा सकता है। मनोवैज्ञानिक सलाह व सहमति के बाद ही किसी किन्नर का ऑपरेशन किया जाएगा। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
मनोवैज्ञानिक सलाह व सहमति के बाद ऑपरेशन
किन्नर के व्यवहार पुरुष और महिला की तरह होते हैं। इसमें जिसके शारीरिक लक्षण ज्यादा महिला की तरह होंगे, उन्हें ऑपरेशन कर महिला बनाया जाएगा और जिनमें पुरुष वाले ज्यादा लक्षण होंगे, उन्हें पुरुष बनाया जाएगा, जिसकी वजह से किन्नर भी एक नार्मल लाइफ जी पाएंगे।
किन्नरों ने किया स्वागत
थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड के मेंबर विद्या राजपूत का कहना है कि थर्ड जेंडर को बचपन से ही समाज हिकारत की नजर से देखता है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल हो या कोई भी सार्वजनिक स्थल पर किन्नरों को हेय दृष्टि से देखा जाता है। सरकार की इस पहल का हम स्वागत करते हैं। इससे थर्ड जेंडर को भी समाज में सामान्य जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
अच्छी पहल है
मितवा संकल्प समिति की रवीना बरिहा ने का कहना है कि प्रकृति ने उन्हें अधूरा बनाया है, इसमें उनका क्या कसूर है। समाज में थर्ड जेंडर को सम्मान के साथ जीने का हक है। किन्नरों को उनके इच्छा मुताबिक महिला या पुरुष बनाने की सरकार की यह पहल अच्छी है।
आर.प्रसन्ना, संचालक, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवाएं ने बताया कि समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम तमिलनाडु जाकर थर्ड जेंडर के लिंग प्रत्यारोपण ऑपरेशन का स्टडी करेंगे। उनके रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव तैयार पर शासन को भेजी जाएगी।