नक्सली मददगार अधिकारियों-कर्मचारियों से होगी पूछताछ
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलियों का शहरी नेटवर्क सक्रिय हो गया है। खुफिया विभाग स
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलियों का शहरी नेटवर्क सक्रिय हो गया है। खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर के तीन जिलों बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में नक्सलियों के मददगार सक्रिय हैं। इसमें कुछ छोटे अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। खुफिया विभाग के पास इन अधिकारियों और कर्मचारियों की नक्सलियों से बातचीत का फोन रिकॉर्ड भी मौजूद है। बताया जा रहा है कि इस फोन कॉल रिकॉर्ड के आधार पर वन विभाग, पंचायत विभाग और कई शिक्षाकर्मियों से पूछताछ हो सकती है।
खुफिया विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार जगदलपुर पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर प्रहार करते हुए दो नक्सली मददगारों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इन दोनों को फोन रिकॉर्ड के आधार पर पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को लंबे समय से सूचना मिल रही थी नक्सली कमांडर शंकर इस क्षेत्र में वनकर्मियों और ठेकेदारों से पैसे उगाही करने की मंशा से घूम रहा है। नक्सलियों ने टीसीओसी से पहले शहरी नेटवर्क के माध्यम से दवा और राशन पहुंचवाने का काम शुरू किया है। एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया कि नक्सली समर्थकों के पास से कारतूस और हथियार मिले हैं। उनसे पूछताछ में कुछ और बड़ा खुलासा हो सकता है।
जून 2014 में हुआ था बड़ा खुलासा
छत्ताीसगढ़ पुलिस ने जून 2014 में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के नक्सलियों से मिलने और उनकी मदद करने के सबूत मिले थे। उस समय पुलिस ने बद्री गावड़े को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद रावघाट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी पूछताछ की गई थी।
गावडे़ की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मोहपाल, बलीराम, चैतराम, फूलसिंह नाग, सुखनाथ नरेटी, धर्मेंद्र चोपड़ा, नीरज चोपड़ा और रवि कडियाम को गिरफ्तार किया था।