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मोदी का चाय बनाना भारत का अपमान: शंकराचार्य

रायपुर, बैतूल। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा चाय बनाकर पि

By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 06:35 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 03:24 AM (IST)
मोदी का चाय बनाना भारत का अपमान: शंकराचार्य

रायपुर, बैतूल। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा चाय बनाकर पिलाना भारत का अपमान है। यह बात जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरूवार को बालाजीपुरम में आयोजित धर्म संसद के दौरान पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि भले ही नरेन्द्र मोदी पहले गरीब थे और चाय बेचते थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री के रूप में भारत हो गए हैं और ओबामा अमेरिकन हैं। भारत इतना गरीब देश नहीं है कि वो ओबामा को चाय बनाकर पिलाए, यह अपमान किया है।

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एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि ओबामा हमें नसीहत न दें बल्कि पहले अपने धर्मगुरू को धर्म के आधार पर बंटवारे का प्रचार करने से रोकें। साई बाबा को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि साई न तो ईश्वर है, न संत है और ना ही गुरू है। हिन्दुओं को साई के नाम पर फैलाये जा रहे पाखंड से बचना होगा तभी सनातन धर्म की रक्षा होगी।

शिवराज पर साधा निशाना

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नव वर्ष पर शिरडी जाने को लेकर भी शंकराचार्य ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शिरडी जाने से भले ही वे देश के प्रधानमंत्री बन जाएं, लेकिन उनका परलोक नहीं सुधर सकता।

अपमान कर रहीं फिल्में

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने देश में हिन्दू धर्म का खिलवाड़ करने वाली फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड को आ़़डे हाथों ले लिया। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड कुछ लेकर ऐसी फिल्मों को अनुमति दे रहा है जो हिन्दू धर्म का अपमान कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि साई को लेकर मनोज कुमार ने जो फिल्म बनाई थी उसी से भ्रम फैलना प्रारंभ हो गया था।

शंकराचार्य की बात न सुनने वाले हिन्दू नहीं

बालाजीपुरम में साई विवाद को लेकर आयोजित धर्म संसद में गुरवार को सभी ने पुरजोर तरीके से साई पूजा बंद करने की बात कही। हिंगलाज सेना के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश परसाई ने कहा कि शंकराचार्य का आदेश न मानने वाले हिन्दू नहीं हो सकते। लेखक अजय गौतम ने कहा कि जिस तरह से देश में बीते कई वर्षो से पोलियो मिटाने का अभियान चल रहा है उसी तरह शंकराचार्य जी साई बीमारी को पूरे विश्व से दूर करने के लिये जुटे हुए हैं।

पाटन की पूर्व विधायक कल्याणी पांडे ने कहा कि साई पूजा का विरोध करने पर शंकराचार्य स्वामी के पुतले फूंके जा रहे हैं। इससे हमारा भी खून खौल रहा है लेकिन शंकराचार्य जी का कहना है कि यह वैचारिक क्रांति है और इसका मुकाबला भी उसी तरीके से किया जाना है। कलाकार दीपा ने धर्म संसद में कहा कि साई गंगा को अपवित्र बताते थे जबकि हिन्दू पूजा करते हैं। ऐसी कुरीतियों को हमें मिलकर हिन्दू समाज से दूर करना होगा।

धर्म संसद में बालाजीपुरम के संस्थापक सैम वर्मा ने कहा कि वे अपने पूर्वजों के द्वारा दिये गए संस्कारों के आधार पर धर्म की रक्षा करने का दायित्व निभा रहे हैं। बालाजीपुरम में अज्ञानतावश 12 साल पहले साई बाबा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही थी। जैसे ही धर्म संसद ने साई पूजा का फैसला लिया हमने भी पूजा बंद कर दी और मंदिर हटा दिया गया।

बाबाओं पर साधा निशाना

बालाजीपुरम में आयोजित धर्म संसद में पहुंचे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि जो घर-बार नहीं छोड़ सकते वे कैसे संत कहलाने के लायक हैं। संत तो समाज के कल्याण के लिये सब कुछ छोड़ देते हैं। एक बाबा के द्वारा फिल्म बनाने के बारे में भी उन्होंने इशारे में कहा कि वे कहते हैं कि हम सर्वधर्म को मानते हैं। एक साथ दो धर्मो का पालन कोई कर ही नहीं सकता है।


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