झीरम कांड की सीबीआई जांच पर केंद्र तैयार तो राज्य को आपत्ति नहीं
रायपुर [ब्यूरो]। झीरम नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं के परिजन बुधवार को मंत्रालय में मुख्यम
रायपुर [ब्यूरो]। झीरम नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं के परिजन बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात की और एनआईए जांच रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त करते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने मांग की। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि इस पर मुख्यमंत्री ने परिजनों को केन्द्र सरकार से बात करने की सलाह देते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार हो तो राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
झीरम कांड की जांच कर रही एनआईए ने हाईकोर्ट में चालान पेश कर दिया है। इस चालान में दर्ज की बातों को लेकर परिजनों ने आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, प्रवक्ता आरपी सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. महेन्द्र कर्मा के पुत्र छबिन्द्र कर्मा, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष स्व. नंद कुमार पटेल के पुत्र एवं विधायक उमेश पटेल, स्व. योगेन्द्र शर्मा के पुत्र हर्षित शर्मा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलने पहुंचे थे।
परिजनों ने कहा कि झीरम घाटी नक्सली कांड राजनीतिक साजिश का नतीजा था या नहीं इसका एनआईए रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है। इसके अलावा इसमें सुरक्षा खामियों को लेकर भी कुछ नहीं कहा गया है।
उन्होंने कहा कि एनआईए की जांच से वे संतुष्ट नहीं हैं और पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. सिंह कहा कि एनआईए और सीबीआई दोनों ही केन्द्र सरकार की जांच एजेंसी है ऐसे में केन्द्र सरकार के गृहमंत्री से मिलकर इसकी मांग की जानी चाहिए।
26 जनवरी के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री से मिलेंगे
मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से मिलने के बाद अब परिजन केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से 26 जनवरी के बाद मिलेंगे। परिजन श्री सिंह से मिलकर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
झीरम घाटी हमला: जांच अधिकारी कोर्ट तलब
बिलासपुर [निप्र]। झीरम घाटी मामले में फरार आरोपियों के नाम कोई संपत्ति नहीं मिलने पर विशेषष न्यायालय ने आरोपियों को फरार घोषित कर स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए जांच अधिकारी को तलब किया है। इसके साथ ही मामले को सुनवाई के लिए 2 मार्च को रखने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान नक्सलियों के अधिवक्ता ने आरोपियों को जगदलपुर जेल भेजने के लिए आवेदन दिया है।
झीरम घाटी हमला मामले में महिला समेत 9 नक्सलियों को बुधवार की सुबह एनआईए के विशेष न्यायालय में न्यायाधीश महादेव कातुलकर के सामने पेश किया गया। मामले में एनआईए ने पिछली सुनवाई 25 फरार नक्सलियों की संपत्ति कुर्क करने न्यायालय से अनुमति ली थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से कोर्ट को बताया कि फरार नक्सलियों की संपत्ति कुर्क करने अधिकारी गए थे, किन्तु उनके नाम कोई संपत्ति नहीं है। ऐसे में कोई भी फरार नक्सली सामने नहीं आया है। इस पर विशेष न्यायाधीश ने धारा 299 के तहत कार्रवाई करने एनआईए के जांच अधिकारी को अगली सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसके अलावा अधिवक्ता जीपी कौशिक एवं सुश्री राधा रजक ने आवेदन पेश कहा कि महिला नक्सली प्रमिला मोडिया, बंजामी सन्ना, आयता म़़डकाम समेत 7 नक्सलियों के परिवार वाले मिलने के लिए यहां नहीं आ पा रहे हैं। इसको देखते हुए उनका तबादला जगदलपुर जेल करने की मांग की गई। इसके अलावा नक्सली चैतू लेकाम व महादेव नाग की ओर से अधिवक्ता नीलकंड भोई कोर्ट में उपस्थित हुए। नक्सलियों को जगदलपुर जेल भेजने के आवेदन को न्यायालय ने निर्णय के लिए अपने पास रखा है। मामले में 2 मार्च को सुनवाई होगी।
बताना होगा गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए
विधि के जानकारों के अनुसार फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए उनकी संपत्ति कुर्क करने अनुमति ली गई थी। उनके नाम कोई भी संपत्ति नहीं होने से गिरफ्तारी नहीं हो सकी। प्रकरण में अब धारा 299 के तहत आरोपियों को फरार घोषित किया जाएगा। इसके लिए जांच अधिकारी को बताना होगा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाया गया? इसके बावजूद नहीं मिलने पर आरोपी फरार घोषित होंगे। इस आधार पर न्यायालय आरोपियों के खिलाफ स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी करेगी।