नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 14 जवान शहीद
रायपुर/सुकमा/जगदलपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास सोमवार दोपहर नक्सलियों ने
रायपुर/सुकमा/जगदलपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास सोमवार दोपहर नक्सलियों ने इस साल की एक और बड़ी वारदात को अंजाम दिया। नक्सलियों के इस हमले में सीआरपीएफ के दो अधिकारियों समेत 14 जवान शहीद हुए। इसमें सीआरपीएफ की 223 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट डीएस वर्मा निवासी कानपुर और असिस्टेंट कमांडेंट राजेश कपुरिया निवासी राजस्थान शामिल हैं। सीआरपीएफ ने सोमवार देर रात 14 जवानों के शहीद होने और 15 के घायल होने की पुष्टि की है। हमले की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली दौरे पर गए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कार्यक्रम निरस्त कर वापस लौट आए हैं। देर रात उन्होंने सीएम हाउस में आपात बैठक ली। दूसरी ओर सीआरपीएफ के आला अधिकारियों ने हमले को लेकर दिल्ली में आपात बैठक की है।
जानकारी मिली है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को रायपुर आएंगे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि सूचना तंत्र की विफलता के कारण यह घटना हुई है। हमले के दौरान जवानों की जवाबी कार्रवाई में कुछ नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है, लेकिन इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं हो पाया है। मंगलवार की सुबह हेलिकॉप्टर से शहीदों के शवों को रायपुर लाया जाएगा।
एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया कि चिंतागुफा से दस किलोमीटर दूर कसलनार के पास नक्सलियों ने संयुक्त ऑपरेशन पर निकले जवानों को निशाना बनाया। एरिया डामिनेशन के लिए कोबरा की 206वीं बटालियन और सीआरपीएफ की 223वीं बटालियन के जवान सर्चिग पर थे। नक्सलियों ने फायरिंग से पहले ब्लॉस्ट किया। दोपहर लगभग दो बजे एंबुश लगाकर हमला किया। नक्सली हमले में 15 जवानों के घायल होने की सूचना है, जिसमें सात जवानों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घटनास्थल पर देर रात तक फाइरिंग होती रही। पुलिस की तीन पार्टियों के जंगल में फंसी होने की खबर मिल रही है। 29 नवम्बर को गोरगुड़ा, पोलमपल्ली, कांकेरलंका, पुसवाड़ा, तेमेलवाड़ा, चिंतागुफा, बुरकापाल, चितंलनार, भेज्जी के सीआरपीएफ, कोबरा व जिला पुलिस बल के जवान सर्चिग ऑपरेशन के लिए अलग-अलग जगहों से निकले थे। सर्चिग पार्टी को सोमवार शाम चिंतलनार पहुंचना था। कांकेरलंका व चिंतागुफा से निकली हुई पार्टी के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई है। मुठभेड़ में नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला बोल दिया। समाचार लिखे जाने तक बुरकापाल, चिंतागुफा, कांकेरलंका व पुसवाड़ा की पार्टी नहीं पहुंची हैं। जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पुलिस टीम के पास थी। इसे देखते हुए ही ऑपरेशन किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि नक्सली भी सैकड़ों की संख्या में थे।
सीआरपीएफ आईजी भी थे सर्चिग ऑपरेशन पर
सीआरपीएफ के आला अधिकारियों के अनुसार ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ के आईजी एचएस सिद्ध भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि यह वारदात उसी स्थान पर हुई है, जहां पिछले महीने नक्सलियों ने एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर पर गोलीबारी की थी। नक्सली दो दिसंबर से पीएलजीए सप्ताह मनाने की तैयारी में थे। इसे लेकर सुकमा और आसपास के इलाकों में नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके थे। नक्सलियों के अभियान को देखते हुए पुलिस टीम ने जंगल में सर्चिग ऑपरेशन चलाया था।
नक्सलियों में सामना करने का साहस नहीं: रमन
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर घात लगाकर किए गए हमले की कठोर शब्दों में निंदा की है। डॉ. सिंह ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों की शहादत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। शहीदों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और सहानुभूति प्रकट करते हुए घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
डॉ. सिंह ने कहा कि नक्सलियों में इतना साहस नहीं है कि वे सुरक्षा बलों से आमने-सामने मुकाबला कर सकें, इसलिए उन्होंने कायरतापूर्ण तरीके से घात लगाकर हमला किया। शोक संतप्त परिवारों के दु:ख की इस घड़ी में छत्ताीसगढ़ सरकार और राज्य की जनता हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
रात को नहीं भेजा गया हेलिकॉप्टर
संभाग मुख्यालय स्थित एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर रात में भी उड़ान भर सकता है, लेकिन हमले के आशंका के चलते रात में हेलिकॉप्टर रवाना नहीं किया गया।
सूत्रों के अनुसार इलाके में दक्षिण बस्तर रीजनल कमेटी का प्रभाव है। यहां नक्सलियों की बटालियन नंबर एक भी तैनात है। क्षेत्र में सीआरपीएफ का एक बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। घायल जवानों को चिंतागुफा थाना लाया गया है। यहां से एनएच 30 पर स्थित दोरनापाल की दूरी करीब 35 किमी है। यह पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभाव वाला होने के कारण रात के वक्त घायल जवानों को जगदलपुर नहीं लाया जा पा रहा है, वहीं थाने में उनका इलाज किया जा रहा है।
सेंट्रल कमेटी का हाथ
नक्सलियों ने दो दिन पहले चिंतागुफा के पास एक बड़ी मीटिंग की थी। इसमें सैकड़ों नक्सलियों के शामिल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों द्वारा जवानों को फंसाने के लिए सुनियोजित ढंग से एम्बुश बिछाई गई थी। इस नक्सली वारदात की रणनीति माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के द्वारा बनाए जाने की खबरें आ रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक 29 नवम्बर को गादीरास के गोरली पहाड़ी क्षेत्र में सेंट्रल कमेटी के सदस्य पंकज, एलओएस सन्नी, आंध्र के एक लीडर जगदीश व देवा की मौजूदगी में नक्सलियों की बैठक हुई थी। इन्हें फोर्स के सर्चिग मूवमेंट की जानकारी थी। पिछले कुछ दिन से इस क्षेत्र में सीआरपीएफ के जवान ऑपरेशन में थे। सोमवार को जवान दक्षिण बस्तर की कमेटी के द्वारा बनाए गए एम्बुश में फंस गए।
गौरतलब है कि पंकज लंबे समय तक सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता के रूप में सक्रिय रहा, वहीं आंध्र का नक्सली लीडर जगदीश दक्षिण बस्तर की 26 नंबर प्लाटून का कमांडर हैं।
असवाल ने ली आपात बैठक
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनके असवाल ने सोमवार देर रात सीआरपीएफ मुख्यालय में पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारियों की आपात बैठक ली। बैठक में डीजीपी एएन उपाध्याय, एडीजी आरके विज, राजीव श्रीवास्तव, सीआरपीएफ के डीआईजी केके भट्टाचार्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। एनके असवाल ने बताया कि एंबुश में फंसने के कारण जवानों की मौत हुई है। कुछ नक्सलियों के मारे जाने की भी जानकारी मिल रही है। आईजी बस्तर एसआरपी कल्लूरी से रिपोर्ट मंगाई गई है, जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।
मोदी ने किया जवानों की शहादत को सलाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सली हमले को लेकर ट्विट किया है। नरेंद्र मोदी ने नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को सलाम किया है। साथ ही उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री रमन सिंह को निगरानी का निर्देश दिया है।