नक्सलियों का छात्रों पर पार्टी ज्वाइन करने का दबाव
रायपुर, दंतेवाड़ा [ब्यूरो]। संगठन विस्तार के लिए नक्सली विद्यार्थियों पर पार्टी ज्वाइन करने का दबाव ब
रायपुर, दंतेवाड़ा [ब्यूरो]। संगठन विस्तार के लिए नक्सली विद्यार्थियों पर पार्टी ज्वाइन करने का दबाव बनाते हैं। वे संवेदनशील इलाकों में संचालित सरकारी आश्रम-छात्रावासों में विद्यार्थियों से संपर्क करते हैं और बाद में उन पर संगठन में शामिल होने दबाव डालते हैं।
ताजा खुलासा आत्मसमर्पित जनमिलिशिया कमांडर सुखराम कावडे़ ने किया है। माड़ इलाके में नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजन में जनमिलिशिया कमांडर रह चुका 22 वर्षीय सुखराम नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लाक के एक सरकारी छात्रावास में निवासरत रहते पढ़ाई कर रहा था। विद्यार्थी रहते ही सुखराम वषर्ष 2006 में नक्सलियों के संपर्क में आया था।
मीडिया से चर्चा में उसने बताया कि छात्रावास में रहते वह संगठन में शामिल हुआ था। फोर्स की गतिविधियों की जानकारी देने के साथ नक्सलियों के निर्देशानुसार सड़क खोदने, जवानों को जख्मी करने लोहे की सरिया गाड़ने जैसा काम किया करता था।
सुखराम के अनुसार उसके साथ कुछ और छात्र भी थे जिन्हें दबाव पूर्वक संगठन में शामिल कराया गया था।
सुखराम ने बताया कि समर्पण से पहले जनमिलिशिया कमांडर के रूप में नक्सली मिलिट्री प्लाटून, गांव आने वाले माओवादियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना, संतरी ड्यूटी, बैठकों में नक्सली विचारधाराओं का प्रचार करना जैसी जिम्मेदारियां उस पर था। उसके मुताबिक वह पढ़कर शिक्षक बनना चाहता था, लेकिन नक्सलियों ने उसे पार्टी में ज्वाइन करने का दबाव बनाया। मजबूरन उसे यह रास्ता अपनाना पड़ा।
इस संबंध में एसपी कमलोचन कश्यप का कहना था कि संगठन विस्तार के उद्देश्य से नक्सली ऐसा करते है। वे ऐसे लड़कों को चुनते है जो उनके कार्यो को करने में दक्ष हो। फिलहाल सुखराम को पुर्नवास नीति का लाभ दिलाने के साथ उसकी पढ़ाई पूरी करवाने में पुलिस पूरा सहयोग करेगी।