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महिला नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर

रायपुर, जगदलपुर। कुंभ में बिछडे़ भाई-बहन के बरसों के बाद मिलने का प्रसंग अक्सर फिल्मों में ही नजर आत

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 05:54 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 03:06 AM (IST)
महिला नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर

रायपुर, जगदलपुर। कुंभ में बिछडे़ भाई-बहन के बरसों के बाद मिलने का प्रसंग अक्सर फिल्मों में ही नजर आता है। बीजापुर जिले की पांच लाख की इनामी नक्सली शांति कुंजाम व उसके आरक्षक भाई का मिलन नौ बरसों के बाद जब हुआ तब महिला कमांडर शांति दीवाली के पहले अपने गांव पहुंची थी। उसके बाद उसने भाई की समझाइश पर पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।

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बुधवार को मिरतूर एलओएस कमांडर शांति ने आईजी दफ्तर में अपनी कहानी बयां की।

वर्ष 2005 को सलवा जुडूम व नक्सलियों के संघर्ष के बाद ग्रामीणों ने अपने गांवों से पलायन कर सरकारी राहत शिविरों का रुख किया था। इस दौरान थाना नेलसनार अंतर्गत ग्राम कोडोली निवासी शांति कुंजाम के परिजन तो राहत शिविर जांगला चले गए थे पर वह पुलिस के भय के चलते कुछ गांव वालों के साथ जंगल चली गई थी।

काफी दिनों भटकने के बाद तत्कालीन महिला कमांडर निर्मलक्का उसे अपने साथ गंगालूर ले गई और दलम में दलम में भर्तीकरवा दिया। प्रारंभ में नक्सली उससे रसोईया व संतरी का काम कराते रहे। इसके बाद से वह कभी अपने गांव नहीं आ सकी थी। उसे बाद में यह पता चला कि उसका भाई अनिल कुंजाम एसटीएफ का आरक्षक बन गया है।

नक्सलियों को यह पता चलने के बाद इसकी सूचना डिवीजनल कमेटी को भेजी गई। कमांडर माधवी ने आदेश दिया कि शांति के भाई की हत्या नहीं की जाए बल्कि उसे पुलिस की नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जाए। इसके बाद वर्ष 2008 में उसे महिला संगठन में तैनात किया गया था। इस दौरान उसने विभिन्न स्थानों में लोगों को दलम में जोड़ने का काम किया। उसके काम को देखते हुए संगठन ने उसे मिरतूर एलओएस कंमाडर का दायित्व सौंपा था।

दीपावली के पहले वह कमेटी से अनुमति लेकर अपने परिजनों से मिलने गांव पहुंची। इस दौरान उसका भाई अनिल भी घर आया था। उसने अपने बहन के बारे में एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को इत्तला दी। भाई की समझाइश के बाद शांति ने नक्सल संगठन छोड़ने का मन बना लिया। इस प्रकार भाई के साथ सीधे आईजी दफ्तर पहुंच सरेंडर कर दिया। शांति के भाई अनिल बताया कि वह भैरमगढ़ में तैनात था। मुठभेड़ के दौरान कई बार उसके मन में यह विचार आता था कि नक्सलियों के बीच कही उसकी बहन भी मारी न जाए।

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने दोनों भाई बहन को दस-दस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान किया। श्री कल्लूरी ने बताया कि समर्पित महिला नक्सली शांति को पुनर्वास नीति के तहत आवास एवं भूमि प्रदान की जाएगी। साथ ही पर्याप्त सुरक्षा भी दी जाएगी। इधर शांति ने कहा है कि उसे बीजापुर से बाहर आवास दिया जाए।

पूछताछ में मिली अहम जानकारी

महिला नक्सली कमांडर से बीजापुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर एसपी ने तीन घंटों तक पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। मिरतुर एलओएस, भैरमगढ़ एलओएस, कामालूर एरिया कमेटी, छात्र संगठन तथा प्लाटून नम्बर 13 के पदाधिकारियों व उनकी गतिविधियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई है।


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