नक्सलियों ने बस से उतारकर की जवान की हत्या
रायपुर, सुकमा [ब्यूरो]। छुट्टी लेकर घर जा रहे बीमार जवान को बस से उतारकर नक्सलियों ने उसकी बर्बरतापू
रायपुर, सुकमा [ब्यूरो]। छुट्टी लेकर घर जा रहे बीमार जवान को बस से उतारकर नक्सलियों ने उसकी बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी। इस वारदात से एक बार फिर नक्सलियों का वीभत्स चेहरा सामने आया है। घटना जगरगुंडा-चिंतलनार मार्ग पर सुबह आठ बजे तेमेलवाड़ा कैंप के पास हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएएफ 9 वीं बटालियन का जवान शिव कुमार तेमेलवा़़डा कैंप में पदस्थ था। वह रायग़़ढ जिले के तिरूडी गांव का रहने वाला था। बताया जाता है कि शिव कुमार पिछले कुछ दिनों से बीमार था इसलिए वह छुट्टी लेकर घर जा रहा था। सुबह वह चिंतलनार से दोरनापाल तक चलने वाली एकमात्र बस में कैंप से सवार हुआ था। तेमेलवाड़ा कैम्प से आधा किलोमीटर दूर स्थित घाट के पास जैसे ही बस पहुंची करीब तीस हथियारबंद नक्सली सड़क पर आ धमके।
नक्सलियों ने बस को रुकवाकर सभी सवारियों को नीचे उतरने को कहा। पुलिस जवान के रूप में शिव कुमार की पहचान कर नक्सलियों ने उसके दोनों हाथ बांध दिए। बाकी सवारियों को वापस बस में बैठने को कहा जिसके बाद बस रवाना कर दी गई।। बस के छूटते ही माओवादियों ने जवान की धारदार हथियार से हत्या कर दी। बस के पीछे आ रही पिकअप वाहन के चालक व मुसाफिरों ने दोरनापाल पहुंचकर घटना की खबर दी। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जवान का शव दोरनापाल लाया गया। दोरनापाल में शहीद जवान को अंतिम सलामी देने के बाद शव को गृहग्राम तिरूडी जिला रायगढ़ के लिए रवाना किया गया।
जोखिम का सफर
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार बीमार था। वह काफी दिन से अवकाश पर जाना चाह रहा था। छुट्टी स्वीकृत होने के बाद वह घर जाने के लिए बस में निकला था। दोरनापाल से मात्र एक बस चितंलनार जाती है, जो शबरी एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत संचालित हो रही है। जवानों को जान जोखिम में डालकर इसी बस में आवागमन करना पड़ता है।
गौरतलब है कि दक्षिण बस्तर का यह रास्ता सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है। इसी मार्ग पर अप्रैल 2010 में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 75 जवानों की हत्या की थी।