छत्तीसगढ़ में छह नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
रायपुर, जगदलपुर [ब्यूरो]। समाज की मुख्यधारा से भटके नक्सलियों को सरकार की समर्पण नीति लुभाने लगी है। शनिवार को कोंडागांव जिले के बारदा दलम के छह सक्रिय नक्सलियों ने एसपी कोण्डागांव अभिषेक मीणा के समक्ष समर्पण कर दिया। समर्पण करने वाले नक्सली 12 वर्ष सें बारदा दलम के सदस्य थे।
समर्पित छह नक्सलियों कैलाश, उदल उर्फ पिल्ला, सुदेन, शिव यादव, घसिया एवं मंगडू ने पुलिस को बताया कि बारदा एलओएस कमाण्डर फूल सिंह, सचिव किशोर, सरिता तथा मयाराम के द्वारा उन्हें उनके गांवों से जबरन उठाकर दलम में भर्ती करवाया गया था। इन्होंने कई बार अपने घर लौटने की इच्छा जताई लेकिन नक्सलियों द्वारा जान से मारने की धमकी देकर हिंसक गतिविधियों में संलग्न किया जाता रहा। दहशत के चलते ये सभी 12 वर्ष से अपने परिवार से दूर रहकर खानाबदोश जैसा जीवन जी रहे थे।
कई वारदातों में थे लिप्त
नक्सली कमांडर फूल सिंह, किशोर, सरिता एवं मयाराम के साथ मिलकर इनके द्वारा कई जघन्य वारदातों को अंजाम दिया गया है। अक्टूबर 2006 में ग्राम बडगई में पुलिस गश्ती दल पर फायरिंग, दिसंबर 2006 में ग्राम कोलेंगा में गश्त के दौरान पुलिस पार्टी पर हमला करने, जून 2007 में ग्राम पावडा में ब्लास्ट करने तथा हाईस्कूल भवन में ब्लास्ट करने में इनकी सक्रिय भूमिका थी।
नक्सलियों के बीच भेदभाव
समर्पित नक्सलियों ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ तथा आंध्र के नक्सलियों के बीच भेदभाव किया जाता है। स्थानीय महिला सदस्यों को ब़़डे नेताओं की वासना पूर्ति का माध्यम बनाया जाता है। साथ ही संगठन की ओर से की गई उगाही की राशि को आंध्र के बडे़ नक्सलियों द्वारा वसूल किया जाता है। स्थानीय नक्सलियों को नाममात्र की राशि संगठन चलाने के लिए दी जाती है। इन सब प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने समर्पण का फैसला लिया।