हर परिवार में कम से कम दो बैंक खाते खुलेंगे
रायपुर [ब्यूरो]। प्रदेश में निवासरत 56 लाख परिवारों में से जिनके बैंक खाते नहीं हैं, उन परिवारों में से हर एक के कम से कम दो बैंक खाते खोले जाएंगे। यह काम प्रधानमत्री जन-धन योजना के तहत होगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 4000 ऐसे गांवों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जाएगी जहां अभी तक बैंक नहीं पहुंच पाए हैं। केन्द्रीय खनिज, इस्पात और श्रम राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुआत की। स्थानीय नवीन विश्राम भवन के सभा कक्ष में आयोजित समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन और वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने की। विशेष अतिथि के रूप में राज्य सभा सांसद डॉ. भूषण लाल जांग़़डे सहित जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा समारोह में उपस्थित थीं।
राज्य सरकार के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने मुख्य अतिथि सहित सभी आगन्तुकों का स्वागत किया और इस नई योजना के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी दी। समारोह का आयोजन राज्य सरकार के वित्ता विभाग, संस्थागत वित्ता संचालनालय और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा किया गया। केन्द्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्ताीसगढ़ नया राज्य है। राज्य ने अपनी स्थापना के मात्र चौदह वर्ष के भीतर विकास के विभिन्न क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं, लेकिन प्रदेश के शत-प्रतिशत गांवों तक बैंक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना भी बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना इस दिशा में काफी मददगार साबित होगी। श्री साय ने कहा कि इस योजना में प्रत्येक खाते धारक का एक लाख रुपए का बीमा भी होगा और बैंक खाते के छह महीने तक सुचारू तथा नियमित संचालन पर उन्हें जरूरत होने पर पांच हजार रुपए तक ओवरड्राफ्ट भी मिल सकेगा। श्री साय ने कहा कि खाते धारक को शासकीय योजनाओं की अनुदान राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि देश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी के पास आज भी बैंक एकाउंट नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री की यह योजना इन परिवारों के साथ-साथ पूरे देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने स्वागत भाषषण में कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना से देश और प्रदेश के अंतिम छोर के गांवों और अंतिम पंक्ति के लोगों तक बैंक सुविधाओं का विस्तार होगा। लोगों में बचत की प्रवृत्तिब़़ढेगी और उन्हें शासकीय योजनाओं का आर्थिक फायदा भी सीधे अपने बैंक एकाउंट के जरिए मिल सकेगा।
20 हजार गांव में एक हजार शाखाएं
मुख्य सचिव श्री ढांड ने बताया कि छत्ताीसग़़ढ में लगभग बीस हजार गांव है, लेकिन बैंक शाखाओं की संख्या सिर्फ एक हजार 109 के आस-पास है। प्रदेश के लगभग चार हजार गांवों को बैंक सुविधाओं से जो़़डना जरूरी है, क्योंकि इन गांवों के लोगों को बैंकों से अपनी राशि निकालने के लिए दस-पंद्रह और बीस किलोमीटर तक आना-जाना प़़डता है। ऐसे में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत वित्ताीय समावेशन के जरिए इन गांवों के लोगों को भी बैंकों से जोड़ा जाएगा।
चिटफंड कंपनियों से बचेंगे
ढांड ने कहा कि बैंक सुविधाओं के अभाव में अक्सर ग्रामीणजन चिट-फंड कम्पनियों में राशि जमा करते हैं, लेकिन ये चिट-फंड कंपनियां कई बार उन्हें उनकी जमा राशि वापस नहीं करती हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों के जरूरतमंद गरीब परिवारों को सरकारी बैंकिंग सुविधाओं से जोड़कर आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान की जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा अपने व्यापार प्रतिनिधि [बिजनेस कॉरेस्पांडेंट] नियुक्त किए जाएंगे। गांव के ही किसी व्यक्ति, समाजसेवी संस्था या स्वसहायता समूह आदि में से किसी का चयन कर उसे व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
योजना के तहत उसे एक विशेष मशीन दी जाएगी। यह मशीन गांव के ही किसी व्यक्ति अथवा समाजसेवी संस्था या महिला स्वसहायता समूह आदि में से किसी को दी जाएगी। इसके जरिए ग्रामीणों को बैंक सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। योजना में खाते धारकों को रुपए पर आधारित डेबिट कार्ड दिए जाएंगे। इस कार्ड के आधार पर वे अपनी राशि स्थानीय स्तर पर उसी तरह प्राप्त कर सकेंगे, जैसे स्मार्ट कार्ड के आधार पर एटीएम से राशि निकाली जाती है। किसान क्रेडिट कार्ड को भी इसमें परिवर्तित किया जाएगा।
बडे़ भुगतान होते हैं प्रदेश में
छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत लगभग 26 लाख श्रमिक परिवारों को हर साल करीब 1500 करोड़ से 1600 करोड़ रुपए तक मजदूरी का भुगतान होता है। इसके अलावा राज्य में 12 लाख से ज्यादा हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत मासिक पेंशन दी जाती है।