नक्सली पकड़ने पर अब मिलेगा पांच गुना ज्यादा इनाम
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा ले रहे पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर है। अब नक्सलियों को पकड़ने पर पांच गुना ज्यादा इनाम दिया जाएगा। गृह विभाग ने वर्ष 2008 के आदेश में संशोधन करते हुए इनाम की राशि में इजाफा किया है। सरकार का यह निर्णय उस समय आया है, जब प्रदेश में ब़़डे पैमाने पर नक्सली आत्मसर्पण कर रहे हैं या पुलिस नक्सलियों को गिरफ्तार कर रही है। प्रदेश में जनवरी से 20 अगस्त तक 97 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि वर्ष 2013 में सिर्फ 39 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।
गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सेंट्रल कमेटी के सचिव को पकड़ने पर अब 12 लाख की जगह 60 लाख रुपए मिलेंगे। वहीं पोलित ब्यूरो सदस्य को पकड़ने पर सात लाख की जगह 50 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन प्रमुख को पकड़ने पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दस लाख की जगह 50 लाख रुपए दिया जाएगा। इसके साथ ही डीकेएसजेडसी सचिव, स्टेट कमेटी सदस्य, स्पेशल एरिया कमेटी सचिव को पकड़ने पर 40 लाख रुपए और स्टेट मिलिट्री कमांडर चीफ को पकड़ने पर 25 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। कोंडागांव पुलिस ने तीन दिन पहले ही मिलिट्री कंपनी के कमांडर संपत को पक़़डा था। वह पिछले 15 साल से नक्सल अभियान में सक्रिय था।
फैक्ट्री मेड हथियारों पर ही मिलेगा इनाम
नए आदेश के अनुसार निचले स्तर के नक्सली कैडर का हथियार के साथ समर्पण करने पर नियमों में बदलाव किया गया है। अब देशी कट्टा, भरमार बंदूर, बारहमुख कंट्रीमेड हथियारों के बजाए पुलिस को महत्वपूर्ण कैडर को आत्मसमर्पण के लिए प्रयास करना चाहिए। शस्त्र समर्पण पर इनाम देने की योजना में केवल फैक्ट्री मेड हथियारों को शामिल किया गया है।
एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा इनाम का फैसला
नक्सलियों को पक़़डने पर मिलने वाले इनाम की राशि का फैसला एडीजी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। इसमें इनाम प्रकरणों पर विचार एवं निर्णय के लिए पुलिस मुख्यालय को तीन सदस्यीय कमेटी बनानी होगी। इसमें एक एडीजी स्तर के अधिकारी के साथ पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वित्तीय सलाहकार और गृह विभाग के एक प्रतिनिधि को शामिल करना होगा।
सर्चिग में सीआरपीएफ-पुलिस को मिली कामयाबी
दंतेवाड़ा [ब्यूरो]। नक्सल विरोधी मुहिम के तहत बुधवार को सीआरपीएफ व जिला पुलिस बल की संयुक्त टुकड़ी किरंदुल थाना क्षेत्र के हिरोली में सर्चिग कर रही थी। इसी दौरान हिरोली के डोका पारा में जवानों की नजर नक्सलियों द्वारा निर्मित शहीद स्मारक पर पड़ी जिसे जवानों ने ध्वस्त कर दिया। सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते बताया कि इलाके में पुलिस व सीआरपीएफ दो दिन से ऑपरेशन पर थी।
अधिकारी ने बताया कि बैलाडीला की तराई में स्थित हिरोली अति संवेदनशील इलाका है। हिरोली से लगे आसपास के गांवों में भी नक्सलियों की तग़़डी पैठ है। इसके मद्देनजर इलाके में संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें जवानों को कामयाबी मिली।