महिला नक्सली के कार्यक्रमों में शामिल होते थे स्वामी अग्निवेश
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आई इनामी महिला नक्सली श्यामवती जननाट्य मंडली के माध्यम से बस्तर के लोगों को नक्सली संगठन में शामिल करने का काम करती थी। दमदार अभिनय और उत्तेजक भाषणों से युवा बडे़ पैमाने पर नक्सली संगठन की ओर आकर्षित होते थे। एसआईबी को मिले वीडियो के अनुसार महिला नक्सली श्यामवती के कार्यक्रमों में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश भी शामिल हुए हैं। हालांकि स्वामी अग्निवेश ने महिला नक्सली कमांडर के कार्यक्रम में शामिल होने से पूरी तरह इंकार किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास अगर कोई प्रमाण है तो उसे सार्वजनिक करे। वे पुलिस के आरोपों का जवाब देंगे।
बस्तर रेंज और एसआईबी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार महिला नक्सली श्यामवती संगठन में कई वरिष्ठ पदों पर थी। इस दौरान वे कार्यक्रमों का आयोजन करके ग्रामीणों को संगठन में शामिल कराने का काम करती थी। इसके एक दर्जन से ज्यादा वीडियो एसआईबी के पास है। पिछले छह महीने से वह रायपुर में सक्रिय थी। यहां वह वरिष्ठ नक्सली नेताओं के इलाज और आने-जाने का इंतजाम करती थी। आईजी बस्तर एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि वह शहरी नेटवर्क की स्लीपर सेल थी। बताया जा रहा है कि कांकेर, कोंडागांव और बस्तर में शहरी नेटवर्क पर पुलिस की छह महीने पहले हो रही कार्रवाई से बचकर महिला नक्सली श्यामवती रायपुर आ गई थी। फोन टेपिंग के बाद उसकी लोकेशन पुलिस को मिली। कोंडागांव पुलिस की टीम की उसकी लोकेशन के बारे में एक सप्ताह पहले ही पता चल गया था। पिछले 10 वर्षो से सक्रिय मंदोड़ा क्षेत्र की जनमिलिशिया सदस्य महिला नक्सली जलदई पिता सकरू [ 30] निवासी मंदोडा थाना छोटेडोंगर जिला नारायणपुर को भी रायपुर में श्यामवती के साथ ही गिरफ्तार किया गया है। दोनों महिला नक्सली मिल में काम करने और इलाज कराने के बहाने शहरी नेटवर्क के तहत भनपुरी रायपुर में छिपकर कार्य कर रही थी।
कोंडागांव के एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि सोनी उर्फ श्यामबती [30] मढ़ोनार थाना छोटेडोंगर की रहने वाली है। उसने कक्षा 8वीं तक शिक्षा ग्रहण की है। वर्ष 2000 में डौला दलम की महिला नक्सली कमाण्डर फूलवती ने इसे संगठन में शामिल किया था। श्यामवती के अच्छे काम को देखते हुए इसे वर्ष 2000 से 2004 तक डौला एलओएस सदस्य बनाया गया। इसके बाद वर्ष 2004 से 2009 तक कुदूर एलओएस के डिप्टी कमांडर के पद पर कार्यरत रही। वर्ष 2009 से 2010 तक कुदूर एलओएस कमांडर रही। बाद में 2011-12 तक बोधघाट एलओएस कमांडर के पद पर कार्य करती रही। 2012 से लगातार अब तक पूर्वी बस्तर डिविजन में सीएनएम अध्यक्ष पद पर कार्य कर रही है।