शिवनाथ नदी में बाढ़, 6 एनीकट को खतरा
बिलासपुर [निप्र]। शिवनाथ नदी में तेज बहाव के साथ आए बरसाती पानी से इसमें बने 6 एनीकट की सुरक्षा को लेकर आश्ाका खड़ी हो गई है। पानी का वेग ज्यादा होने के कारण एनीकट की प्रोटेक्शन वाल [सुरक्षात्मक दीवार] क्षतिग्रस्त होने की आश्ाका है। इसे देखते हुए विभाग ने मैदानी अमले को यहां तैनात कर दिया है। उन्हें एनीकट के संबंध में प्रत्येक सूचना तत्काल जिला कार्यालय को देने के निर्देश हैं।
मोगरा जलाशय से पानी छो़़डने और शिवनाथ नदी के आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नदी उफान पर आ है। महानदी पहले ही पाटो पाट चल रही है। इससे शिवनाथ नदी में भी बा़़ढ आ गई है। इसका सबसे ज्यादा खतरा सिंचाई विभाग की नदी में बने एनीकट को है, जो पिछले तीन दिनों से जलमग्न हैं। तेज बहाव और लंबे समय से जलमग्न रहने के कारण इसके मुख्य ढांचे के अलावा ज्यादा प्रोटेक्शन वाल को भी खतरा है। लंबे समय से पानी में डूबे रहने के कारण एनीकट को दोनों तरफ के पाट की मिट्टी के बहने का खतरा है। इससे एनीकट क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग ने एनीकट में अपने मैदानी अमले को तैनात कर दिया है। अगर कहीं एनीकट या प्रोटेक्शन वाल को कोई खतरा दिखता है तो इसकी सूचना तत्काल उन्हें मुख्य कार्यालय को देनी है। इससे बचाव का कार्य किया जा सके। अगर बा़़ढ से प्रोटेक्शन वाल को कोई खतरा हुआ तो तत्काल यहां मरम्मत का काम करना है। शिवनाथ का पानी कम नहीं होने के कारण अधिकारियों की चिंताएं और बढ़ गई है।
दो दिन से जलमग्न
शिवनाथ नदी में जलस्तर चढ़ने के साथ ही इसमें बने सभी एनीकट दो दिन से डूबे हुए हैं। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि एनीकट किस स्थिति में है। जैसे ही नदी का जलस्तर कम होता है तो सबसे पहले एनीकट की स्थिति की जानकारी ली जाएगी।
रात से जलस्तर कम होने का अनुमान
शिवनाथ नदी का बढ़ा हुआ जलस्तर गुरवार रात से कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सिंचाई विभाग को मिल रही सूचना के अनुसार महानदी का पानी कुछ कम होने के कारण शिवनाथ का पानी उसमें जाने लगा है। इससे नदी के जलस्तर में कुछ कमी आई है, लेकिन शिवनाथ की सहायक नदियां अरपा, मनियारी, खारन का पानी उसमें जाने से फिर जलस्तर जैसा का तैसा बना हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार रात तक शिवनाथ का जलस्तर घटना शुरू हो जाएगा।
अब गंगरेल से खतरा
शिवनाथ में अब की बार भारी बारिश के कारण बा़़ढ के हालात पैदा हो गए थे। अब प्रदेश के सबसे बडे़ बांध गंगरेल भी तेजी से भर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार को यह बांध भी पूरा भर सकता है। इसके बाद अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए बांध के गेट खोलने पड़ सकते हैं। ऐसा हुआ तो फिर एक बार विशेषकर महानदी और शिवनाथ के तट पर बसे गांव को बाढ़ के हालात का सामना करना पड़ सकता है। अब जिले के अधिकारी गंगरेल में जलभराव की स्थिति का पतासाजी कर रहे हैं। वहां के गेट खुलने की सूचना आई तो फिर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
आलोक अग्रवाल, कार्यपालन अभियंता, खारंग डिवीजन ने कहा कि शिवनाथ नदी में बाढ़ आने से उसमें बने 6 एनीकट की प्रोटेक्शन वॉल को नुकसान हो सकता है। इस पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल शिवनाथ का पानी स्थिर बना हुआ है। गुरवार रात या फिर शुक्रवार से पानी उतरने का अनुमान है। इसके बाद एनीकट के हालात की जानकारी ली जाएगी।