नक्सलियों फरमान के चलते बढ़ा लाल वस्त्रों का चलन
रायपुर, जगदलपुर [निप्र]। झीरम, बंजारी और भूसारास घाटी के मध्य बसे करीब डेढ़ सौ गांवों के ग्रामीणों ने लाल वस्त्र पहनना शुरू कर दिया है। नक्सलियों ने इन्हें अपने जनताना सभा और रैलियों में लाल कपड़ा पहनकर आने का फरमान जारी किया है। फरमान न मानने पर नक्सली नाराज न हो जाएं इसलिए ग्रामीण अपने बच्चों को भी लाल शर्ट पहनाकर रैलियों में जाने लगे हैं।
इससे दरभा, चिंगीतरई, पखनार, कटेकल्याण, सुरनार, नकुलनार, दुधीरास, पालनार, मोखपाल में लाल कपडे़ की बिक्री बढ़ गई है। नक्सलियों के आंदोलन में लाल रंग का बड़ा महत्व है। झंडे से लेकर बैनर-पोस्टरों में भी लाल रंग का उपयोग होता है। नक्सली प्रचार में जुटे लोग भी लाल वस्त्र धारण करते हैं। नक्सलियों की रैलियों व जनताना सभाओं में भी लाल रंग से तैयार सामानों का बडे़ पैमाने पर उपयोग होता है।
नक्सली चाहते हैं कि उनकी रैली और सभाओं में आने वाले ग्रामीण भी लाल रंग को अपनाएं ताकि लाल सलाम का नारा लगाने वालों में एकरूपता आए।
सूत्रों ने बताया कि करीब दो साल से नक्सली ग्रामीणों को लाल वस्त्र अपनाने की अपील करते आ रहे हैं जिसका असर अब दिखने लगा है। महिलाएं लाल साड़ी-ब्लाउज और लाल रंग की शाल तो पुरुष लाल कमीज, पैंट, लाल गमछा, लुंगी पहनने लगे हैं। हिदायत के चलते ही ग्रामीण मजदूर लाल रंगों का वस्त्र पहन अब कस्बाई और नगरीय क्षेत्रों में आने लगे हैं।