आखिरी चरण में सात सीटों के लिए 66 फीसदी मतदान
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ की सात संसदीय सीटों पर 24 अप्रैल गुरुवार को हुए मतदान में करीब 66 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौर के चुनाव में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, सरगुजा, रायग़़ढ, जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र में मतदान हुआ। इससे पहले 10 व 17 अप्रैल को राज्य की चार सीटों पर मतदान हो चुका है। पहले चरण में 59.40 और दूसरे चरण में 73.04 फीसदी वोट प़़डे। चुनाव परिणाम 16 मई को आएगा। राज्य में 2004 और 2009 के आम चुनाव में भाजपा को 11 में से दस-दस सीटें मिली थीं। कांग्रेस के हिस्से महज एक सीट आई थी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुजूर के मुताबिक प्रदेश में आखिरी चरण के सभी सात संसदीय क्षेत्रों में शाम सा़़ढे छह बजे तक 66 फीसद वोट डाले गए, जबकि पिछली बार इन सात लोकसभा सीटों में मतदान का औसत 55.58 प्रतिशत था। प्रत्येक लोकसभा सीट में भी मतदाताओं ने खुलकर मतदान किया। रायपुर शहर में मतदान का प्रतिशत 63 प्रतिशत तक चला गया है। यह पिछले चुनाव से 16 प्रतिशत अधिक है। पिछली बार के मतदान के मुकाबले इस बार आंकड़ा और बढ़ सकता है।
सुबह आठ बजे से सुबह ग्यारह बजे तक मतदान के लिए बुजुर्गो, युवाओं, महिलाओं व पुरुषों की लंबी-लंबी कतारें देखी गई, लेकिन जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया और तापमान लगभग 40 डिग्री तक पहुंचने लगा, मतदाताओं की संख्या कम होने लगी। दोपहर तीन बजे तक मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की कतारें नदारद थीं। दोपहर तीन बजे के बाद अगले तीन घंटे मतदान की रफ्तार फिर ब़़ढी। प्रदेश की इन सात सीटों पर 153 उम्मीदवार हैं, जिनमें पंद्रह महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में कोरबा से कांग्रेस के डॉ. चरणदास महंत व भाजपा से बंशीलाल महतो, रायपुर से भाजपा के रमेश बैस और कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा, दुर्ग से भाजपा की सरोज पांडेय और कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू, बिलासपुर से कांग्रेस की करणा शुक्ला और भाजपा के लखन लाल साहू, रायग़़ढ से भाजपा के विष्णुदेव साय और कांग्रेस की आरती सिंह, जांजगीर-चांपा से भाजपा की कमला पाटले व कांग्रेस के प्रेमचंद जायसी तथा सरगुजा से भाजपा के कमलभान सिंह व कांग्रेस के रामदेव राम के बीच सीधा मुकाबला है।
जानकारों का यह भी कहना है कि बिलासपुर सीट में आप के प्रत्याशी आनंद मिश्रा और चांपा-जांजगीर से बसपा के दूजराम बौध्द की मौजूदगी के कारण मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में पहली बार वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रैल [वीवीपीएटी] का इस्तेमाल किया गया।
262 ईवीएम बदली गई
आखिरी चरण के मतदान के दौरान 262 ईवीएम को खराब की कारण बदलना प़़डा। इनमें 54 वीवीपीएटी को भी बदला गया। ईवीएम में खराबी की वजह से कुछेक मतदान केन्द्रों में मतदान में बाधा पहुंची और मतदाताओं को परेशानियों का सामना करना प़़डा। राजधानी रायपुर के कुशालपुर, सुंदरनगर व खमतराई में ईवीएम की खराबी सामने आई। इन जगहों पर काफी संख्या में मतदाता बगैर मतदान किए लौट गए।
मतदान का बहिष्कार
प्रदेश के तीन स्थानों पर मतदान का बहिष्कार किया गया। अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के पथरिया के आति गांव सहगांव के लोगों ने स़़डक निर्माण को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया था, लेकिन बाद में अधिकारियों की समझाइश पर लोग माने और मतदान में हिस्सा लिया। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के साइंस कॉलेज स्थित चार मतदान केन्द्रों में मतदान में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। पत्थलगांव के को़़डेकेला में भी लोग मतदान करने नहीं पहुंचे। बू़़ढाढांड में बिजली की मांग को लेकर ग्रामीण मतदान केन्द्र के बार धरने पर बैठ गए।