सोनिया पहले अपना घर देखें: रमन
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पहले अपना घर देखने की नसीहत दी है। मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उनके दामाद राबर्ट वाड्रा के बारे में अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में यह खुलासा हुआ है कि उन्होंने भारत में वषर्ष 2007 में सिर्फ एक लाख रपए की लागत से स्काई लाइट नामक कंपनी शुरू की, जिसकी पूंजी केवल पांच सालों में ब़़ढकर 324 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि इस प्रकार का जादुई कमाल करने वाले उनके दामाद को तो देश का वित्त मंत्री होना चाहिए था। राबर्ट वाड्रा पर हरियाणा में कृषि भूमि को औने पौने दाम में खरीदने का भी गंभीर आरोप लगा है। वाड्रा की कंपनी पर यह भी आरोप है कि उसने दिल्ली के पास डीएलएफ नामक कंपनी द्वारा बनाए जा रहे एक होटल में पचास प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में 53 लाख डालर का पूंजी निवेश किया। उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि यह राशि कहां से आई?
राज्य सरकार पर आरोपों को नकारा
डॉ. रमन ने भटगांव [अंबिकापुर] की चुनावी सभा में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्य सरकार पर किसानों की जमीन छीनने, कोल ब्लॉक आवंटन सहित अन्य आरोपों को नकारते हुए कहा कि इसमें सच्चाई नहीं है। बल्कि सच तो यह है कि कोल ब्लॉक आवंटन केंद्र सरकार करती है। पूरे देश में कोयला खदान आवंटन के मामले उस समय के हैं, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह स्वयं कोयला मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे थे।
राज्य में लौह अयस्क का अधिकांश उत्खनन केंद्र सरकार की कंपनी एनएमडीसी द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार पर आरोप लगाना किसी भी दृष्टि से न्यायसंगत नहीं है।