दस साल पहले बिछाई थी बारूदी सुरंग
जगदलपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ में दरभा घाटी के पास शनिवार को नक्सलियों ने जिस बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सीआरपीएफ के जवानों व मतदानकर्मियों की जान ली थी, वह करीब दस साल पहले बिछाई गई थी। सिर्फ दो मिनट के अंदर बारूदी सुरंग को डेटोनेटर से जोड़कर वारदात को अंजाम दिया गया।
जानकारों के अनुसार, नक्सलियों ने दरभा-झीरम घाटी समेत अंदरूनी मार्गो पर जगह-जगह स्थाई बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं। उनके लिए कच्ची सड़क पर बारूदी सुरंग बिछाना आसान हुआ करता था, लेकिन अब ड्रिल मशीन के जरिये उन्होंने पक्की सड़कों पर भी स्थाई रूप से मौत का सामान छिपा रखा है।
जमीन से तीन फुट नीचे गाड़े गए विस्फोटक को डिटेक्ट करने की तकनीक अब तक दुनिया के किसी देश में नहीं खोजी जा सकी है। घटनास्थल से ढाई किमी बाद मोबाइल फोन नेटवर्क समाप्त हो जाता है। नक्सलियों के निशाने पर चुनाव के बाद वापस लौटने वाले मतदानकर्मी व जवान ही थे।