बैंक की महंगी सेवाओं से चाहते हैं बचना तो इन बातों का रखिए ध्यान
बैंकों की ओर से वसूले जाने वाले महंगे सेवा शुल्कों से आप कई तरीकों से बच सकते है
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जुलाई से अपनी सेवाओं का शुल्क बढ़ा दिया है। ऐसे में अब ग्राहकों को एक सीमा से अधिक लेनदेन करने, कटे-फटे नोट बदलने और खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर शुल्क देना होगा। अगर आप महंगी हुई बैंकिंग से बचना चाहते हैं तो आपका कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
देश के सरकारी और निजी बैंकों ने अपने सर्विस चार्ज में बदलाव किये हैं। मसलन बैंक से अब कटे फटे नोट बदलवाने पर 2 रुपये से लेकर 5 रुपये तक चार्ज किया जाएगा। ये शुल्क 20 से ज्यादा नोट और उनका मूल्य 5000 रुपये से ज्यादा होने पर लिया जाएगा। यदि कोई ग्राहक कटे-फटे 20 नोट जिनका कुल मूल्य 5000 रुपये से ज्यादा नहीं है तो एक्सचेंज कराने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा।
वहीं कोटक महिंदा बैंक ने हाल ही में अपने सर्विस चार्ज में बदलाव किए थे। पहले बैंक के सामान्य सेविंग बैंक अकाउंट में पांच बार लेन-देन या फिर नकदी में जमा की सीमा 7.5 लाख रुपए प्रतिमाह तक सीमित थी। हालांकि 1 अप्रैल से इन नियमों में बड़ा बदलाव हुआ। लेनदेन की संख्या को घटाकर 4 कर दिया गया और नकद में जमा की सीमा को भी घटाकर सीधे 2 लाख रुपए कर दिया गया।
देखें वीडियो-
मिनिमम बैलेंस:
एसबीआई समेत तमाम बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस मैंटेन करने की शर्त रख दी है। हालांकि बैंक के इन नियमों को लेकर लोगों में जो गुस्सा दिखाई दिया वो कहीं न कहीं नियमों में हुए इन बदलावों को गलत तरीके से समझने की वजह से हुआ। एसबीआई के मुताबिक मिनिमम बैलेंस का मतलब एक न्यूनतम अवधि में एवरेज मिनिमम बैलेंस से होता है। आमतौर पर यह तिमाही या मासिक आधार पर होता है। बैंक की मिनिमम बैलेंस की शर्त को अपनी सैलरी कुछ दिनों के लिए खाते में बनाए रखने से पूरा किया जा सकता है।
मान लीजिए किसी की सैलरी 30,000 रुपए मासिक है। इस हिसाब से मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस 1,000 रुपए हुआ। इस हिसाब से सैलरी को कम से कम खाते में एक दिन बनाए रखने के बाद खाते में 1,000 रुपए मेंटेन किए जा सकते हैं। ऐसे में यह कोई बड़ा मसला नहीं हो सकता है।
कैश हैंडलिंग:
नोटबंदी के बाद कैश लेन-देन पर पाबंदी लगाई गई है। अधिकांश बैंक आम तौर पर जमा और निकासी को लेकर 10 मुफ्त ट्रांजेक्शन करने की प्रतिमाह छूट देते हैं। ऐसे में अगर आप इस सीमा को पार करते हैं तो आपको इसके लिए कुछ शुल्क देना होगा। कोशिश करें कि आप अपने खर्चों का प्रबंधन इसी के अंतर्गत करें।
अपने खाते को डाउनग्रेड करें:
अगर आप अपने खाते में न्यूनतम बैंलेंस की शर्त को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं तो आप बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) का चयन कर सकते हैं। हालांकि ये खाते भी प्रतिबंध के दायरे में आते हैं। उदाहरण के लिए, एसबीआई एटीएम निकासी सहित एक माह में केवल चार मुफ्त निकासी की अनुमति देता है।
नकद के अन्य विकल्पों का उपयोग करें:
अगर आप एक समय में छोटी राशि निकालने में भरोसा रखते हैं तो आप म्युचुअल फंड का चयन कर सकते हैं, जो कि एटीएम फैसिलिटी के साथ मिलता है। यह सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर रिटर्न देता है।
सबसे ज्यादा खलते हैं ये बैंक चार्ज:
यह भी पढ़ें: मार्च 2018 तक कुल बैंक लोन में बैड लोन का हिस्सा 15 फीसद होगा: एसएंडपी