बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी: बैंक बदलने पर भी नहीं बदलेगा आपका अकाउंट नंबर
आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने बैंकों को बैंक खाता संख्या पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध करवाने सलाह दी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुंद्रा ने मंगलवार को बैंकों पर जोर दिया कि वो अपने ग्राहकों को बिना अपना अकाउंट नंबर बदले एक बैंक से दूसरे बैंक में खाता ट्रांसफर करने की सुविधा दें। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही ग्राहकों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ दिशानिर्देश जारी करेगा, ताकि इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले में उनकी देयता को सीमित किया जा सके। मुंद्रा ने बैंकों को सेवाओं पर अधिक शुल्क वसूले जाने का भी विरोध किया।
क्या कहा मुंद्रा ने:
डिप्टी गवर्नर ने कहा, “जैसे मोबाइल नंबर पोर्टेबल होते हैं, ऐसे ही बैंक के बीच खाते भी ट्रांसफर हो सकते हैं। दो साल पहले मैने बैंक खाता नंबर की पोर्टेबिलिटी का विचार रखा था। अब यह आधार और आइएमपीएस (इमीडिएट पेमेंट सर्विस) से संभव है। अगर बैंक खाते ट्रांसफर हो जाएंगे तो न बोलने वाले ग्राहक भी चुपचाप अपने बैंकों से निकल जाएंगे। बैंकों को सोचना चाहिए कि पोर्टेबिलिटी का यह सिस्टम कैसे काम करेगा।”
मुंद्रा ने जल्द ही इस पर काम शुरू करने के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन से आग्रह किया है। जैसा कि अगर किसी के पीड़ित होने की संभावना है, खाताधारक बिना कुछ बोले एक बैंक से अपने खाते को दूसरे बैंक में स्थानांतरित कर सकते हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब मुंद्रा ने खाता संख्या पोर्टेबिलिटी के विषय पर जोर दिया है। साल 2016 में भी उन्होंने इस विषय पर एक समारोह के दौरान उन्होंने अपनी बात रखी थी।
आम लोगों को होगा फायदा:
मुंद्रा ने कहा था कि खाता पोर्टेबिलिटी की अनुमति देने से प्रतियोगिता को एक नया आयाम मिलेगा। अगर आम लोगों को बैंक खाता संख्या पोर्टिबिलिटी की सुविधा देंगे तो उन बैंकों में अपने खाते को आसानी से ट्रांसफर करवा पाएंगे जो उन्हें बेहतर सेवाओं की पेशकश करेंगे। दुखी बैंकिंग ग्राहकों के लिए, यह एक राहतभरी खबर हो सकती है, क्योंकि हर बार जब भी वो बैंक स्विच करना चाहेंगे तो उन्हें एक नया बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।