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जानिए क्या होता है PAN और TAN में अंतर, कहां पड़ती है इसकी जरूरत

जानिए क्या होता है पैन औऱ टैन नंबर में अंतर

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 01:36 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 05:19 PM (IST)
जानिए क्या होता है PAN और TAN में अंतर, कहां पड़ती है इसकी जरूरत
जानिए क्या होता है PAN और TAN में अंतर, कहां पड़ती है इसकी जरूरत

नई दिल्ली। टैक्स वसूलने और टैक्स कलेक्शन को सही तरीके से मैनेज करने के लिए आयकर विभाग की ओर से हर इंडीविजुअल के लिए पैन और टैन कार्ड नंबर जारी किए जाते हैं। ये कार्ड किसी इंडीविजुअल, कंपनी और ट्रस्ट के लिए भी जारी किए जाते हैं। जानिए PAN कार्ड से जुड़ी हर बात।

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PAN कार्ड:

वित्तीय लेन देन के लिए अहम समझे जाने वाले पैन कार्ड से जुड़ी ऐसी तमाम जानकारियां हैं जिनके बारे में हर भारतीय को जानना जरूरी है। बैंक में खाता खुलवाना हो या फिर अपनी पहचान का प्रमाण पत्र देना हो यह हर काम में इस्तेमाल होता है। आयकर विभाग के जरिए पैन कार्ड को आसानी से बनवाया जा सकता है।

क्या होता है PAN कार्ड:

  1. आयकर विभाग करदाताओं की पहचान उनके स्थायी खाता संख्या यानी कि (PAN) से करता है।
  2. PAN एक 10 अंकों वाली alpha numeric संख्या होती है। PAN हमेशा के लिए एक ही बार प्राप्त होता है।
  3. अगर करदाता का किसी अन्य जगह ट्रांस्फर होता है तो नए PAN कार्ड की आवश्यकता नहीं होती। यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है।
  4. यह एक बेसिक डॉक्यूमेंट है जिसके जरिए कई तरह की सुविधाएं पा सकते है।
  5. आयकर विभाग लिमिटेड PAN कार्ड जारी करता है जिन पर करदाता का स्थायी खाता संख्या (PAN) लिखा होता है, यह कार्ड बाकी और कामों के लिए भी उपयोगी होता है।


क्यों है जरूरी:

यह लोगों की वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और उन पर नजर बनाए रखने के लिए जरूरी माना जाता है। बैंक में अपने खाते में पैसा जमा करते हैं तो उसमें भी पैन नंबर देने से फायदा रहता है और आप किसी भी प्रकार के पचड़ें से बच सकते हैं। ऐसा नहीं है सिर्फ पैन कार्ड महज एक कार्ड भर है। इसके कई फायदे भी होते हैं। जैसे कि आप इसके जरिए आयकर में होने वाली तमाम तरह की दिक्कतों से बच सकते हैं। आप इस कार्ड को किसी भी सरकारी संस्थान में अपने पहचान पत्र के रुप में भी पेश कर सकते हैं। कॉर्पोरेट ऑफिस से लेकर सरकारी दफ्तरों में भी काम आने वाला यह कार्ड देशभर में हर जगह मान्य होता है। सबसे अहम बात यह है कि अगर आप कहीं पर भी स्थाई जॉब के इतर काम करते हैं तो आप वित्तीय वर्ष के अंत में इसके जरिए अपना टीडीएस क्लेम कर सकते हैं। सिर्फ फुल टाइम ही नहीं बल्कि पार्ट टाइम जॉब में भी पैन कार्ड प्रस्तुरत करने से आपका भुगतान आसान हो जाता है और तो और यह इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए भी जरूरी होता है। घर में बिजली, पानी, गैस का कनेक्शन लेने के लिए, वाहन खरीदने आदि के लिए काम आता है।


किसके पास होना PAN कार्ड चाहिए?

  1. सभी व्यक्ति,करदाता या व्यक्ति जिन्हें आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो, दूसरों की ओर से भी पैन को प्राप्त करना चाहिए।
  2. कोई भी व्यक्ति जो किसी भी वित्तीय लेनदेन की मंशा रखता हो, जहां पैन की जानकारी देना अनिवार्य हो, को पैन प्राप्त करना होगा।
  3. मूल्यांकन अधिकारी या तो स्वयं या विशेष अनुरोध पर किसी व्यक्ति को पैन आवंटित कर सकते हैं।
  4. लोगों में यह धारणा कि जब वो इनकम टैक्स के दायरे में आयेंगे, तभी पैन कार्ड बनवा सकेंगे, बिलकुल गलत है। आप अगर कुछ नहीं करते हैं तब भी आप पैनकार्ड बनवा सकते हैं।
  5. गृहणियों को भी पैन कार्ड रखना चाहिए। कभी भी अगर वो अचानक कोई बिजनेस शुरू करना चाहें तो पैन कार्ड का इंतजार नहीं करना पड़े।

जानिए क्या होता है TAN कार्ड:

TAN नंबर पैन नंबर की ही तरह 10 डिजिट का एक नंबर होता है। इस कार्ड को ऐसे सभी व्यक्तियों को प्राप्त करना आवश्यक है जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203ए के अंतर्गत कर काटने या संग्रहण करने के लिए उत्तरदायी हैं। सभी टीडीएस विवरणियों में आयकर विभाग (आईटीडी) की ओर से आबंटित कर कटौती खाता संख्या (टैन) का उल्लेख करना अनिवार्य है।


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