Move to Jagran APP

बैंक से लिया लोन कब बन जाता है NPA, जानिए

देश के बैंक और सरकार एनपीए की समस्या के निपटने के लिए तमाम स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई लोन कब एनपीए बन जाता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 14 Jun 2017 03:07 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jun 2017 09:27 PM (IST)
बैंक से लिया लोन कब बन जाता है NPA, जानिए
बैंक से लिया लोन कब बन जाता है NPA, जानिए

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रिजर्व बैंक ने फंसे कर्जो यानी एनपीए की वसूली के प्रयास तेज करते हुए 12 खातों की पहचान की है। बैंकों से इन बैंक खातों में इनसॉल्वेंसी की कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा गया है। इनमें से प्रत्येक खाते में 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज बकाया है। कुल एनपीए में इन सभी खातों का योगदान करीब 25 फीसद है।

loksabha election banner

बैंकिंग उद्योग आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा एनपीए होने के कारण परेशान है। इस एनपीए में से छह लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है। आरबीआइ ने कहा है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत तत्काल कार्रवाई के लिए इन 12 खातों को उपयुक्त माना गया है। हालांकि आरबीआइ ने इन बैंक खातों के डिफॉल्टरों के नाम नहीं बताये हैं।

देश के बैंकों के सामने इस वक्त सबसे बड़ी समस्या एनपीए की है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी बैंक का फंसा हुआ कर्ज किस स्थिति में एनपीए की श्रेणी में आ जाता है। हम अपनी खबर में आपको यही बताने की कोशिश करेंगे।

क्या होता है एनपीए:

NPA (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) को सामान्य भाषा में फंसा हुआ कर्ज (गैर निष्पादित आस्तियां) कहा जाता है। एनपीए ऐसी रकम है जो बैंकों द्वारा ऋण के रूप में दी जाती है लेकिन इसके वापस आने की संभावना नहीं होती। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने आरबीआई के सामने बैड बैंक का प्रस्ताव रखा था।

कब लोन बन जाता है एनपीए:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक जब किसी लोन की ईएमआई, प्रिंसिपल अमाउंट या इंटरेस्ट (ब्याज) ड्यू डेट के 90 दिन के भीतर नहीं आता है तो उसे एनपीए की श्रेणी में डाल दिया जाता है। हालांकि एग्री और फॉर्म लोन के संदर्भ में एनपीए की परिभाषा अलग तरीके से तय की गई है....

एनपीए निम्नानुसार परिभाषित है: अल्प अवधि के लिए फसल कृषि ऋण जैसे कि धान, ज्वार, बाजरा आदि के मामले में अगर 2 फसल सीजन के लिए ऋण (किस्त/ब्याज) का भुगतान नहीं किया गया है, तो इसे एनपीए माना जाएगा। वहीं लंबी अवधि की फसलों के लिए 1 फसल का मौसम बीत जाने के बाद तक अगर लोन की राशि का भुगतान नहीं हुआ है तो भी वह एनपीए कहलाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.