प्रधानमंत्री वय वंदना योजना लॉन्च, जानें इससे जुड़ी हर बात
60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना काफी फायदेमंद है
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे समय में एक सम्मानजनक रिटर्न दिलाएगी जब रेट की दरें वैश्विक स्तर पर गिर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस पर सालाना 8 फीसद का एश्योर्ड रिटर्न दिया जाएगा। पीएमवीवीवाई की फॉर्मल लॉन्चिंग के दौरान जेटली ने कहा, “एक महत्वपूर्ण संतुलन है जिसे हमें बनाए रखना होगा। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां अर्थव्यवस्था की दक्षता के लिए, हमारे बैंक और अन्य संस्थानों से सस्ती दर पर उधार देने की उम्मीद की जाती है, ऐसे में अगर उधार दरें नीचे जाती हैं तो जाहिर सी बात है कि उधार भी प्रभावित होगा, जिसे कि एक कुशल अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक और अपरिहार्य माना जाता है।”
यह पेंशन स्कीम खास तौर पर 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है। लाइफ इन्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) से यह पेंशन प्लान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को 4 मई 2017 को लॉन्च किया है।
क्या है योजना: प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए तैयार की गई एक खास पेंशन योजना है जो कि 4 मई 2017 से 3 मई 2018 तक उपलब्ध होगी, यानी इस दौरान आप इस योजना को चुन सकते हैं। वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (वीपीबीवाई) की ही तरह प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) उन वरिष्ठ लोगों के लिए एक पेंशन योजना है जिनकी उम्र 60 वर्ष के ऊपर है। इस योजना के अंतर्गत 8 फीसद का सम एश्योर्ड रिटर्न भी सुनिश्चित किया गया है।
क्या हैं योजना के फायदे: मंत्रालय के मुताबिक यह पेंशन स्कीम 8 फीसद का एश्योर्ड रिटर्न उपलब्ध करवाएगी। यह स्कीम 10 साल के लिए है। यानी एक बार पेंशन प्लान ले लेने पर आपको अगले 10 सालों तक मासिक आधार पर पेंशन दी जाती रहेगी। 10 साल की पॉलिसी टर्म से दौरान पेंशन हर अवधि के अंत में दी जाएगी, जैसा कि पेंशनल ने खरीद के दौरान मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार का चयन किया होगा।
इस पेंशन प्लान के अन्य फायदे:
- यह स्कीम पूरी तरह से सर्विस टैक्स और जीएसटी के दायरे से बाहर है।
- अगर पेंशनर पॉलिसी टर्म की अवधि यानी 10 साल तक जिंदा रहता है तो पर्चेज प्राइज के साथ ही फाइनल पेंशन की इंस्टॉलमेंट का भुगतान कर दिया जाएगा।
- अगर किसी कारणवश पेंशनभोगी (पॉलिसी होल्डर) की मृत्यु हो जाती है तो, भुगतान किए गए प्रीमियम (खरीद मूल्य) पेंशनभोगी के नामित/ कानूनी उत्तराधिकारी को वापस कर दिए जाएंगे।
- पॉलिसी के तीन साल पूरे हो जाने के बाद आपको पर्चेज प्राइज का 75 फीसद हिस्सा बतौर लोन भी मिल सकता है। लोन का ब्याज पेंशन की इंस्टॉलमेंट से पूरा कर लिया जाएगा और लोन की राशि क्लेम के दौरान रिकवर कर ली जाएगी।
- स्कीम के तहत अगर पेंशनर को खुद या उसकी पत्नी को गंभीर बीमारी हो जाती है तो वह इस स्कीम से समय से पहले निकल सकता है। ऐसी सूरत में उसे पर्चेज प्राइस का 98 फीसदी रिफंड मिल जाएगा।
मिनिमम पेंशन: 1,000 रुपए प्रति माह
- 3,000 रुपए तिमाही
- 6,000 रुपए छमाही
- 12,000 रुपए सालाना
अधिकतम पेंशन: 5,000 रुपए
- 15,000 रुपए तिमाही
- 30,000 रुपए छमाही
- 60,000 रुपए सालाना
कैसे खरीद सकते हैं: इस स्कीम को एक लंप-सम (एकमुश्त) राशि के भुगतान के जरिए खरीदा जा सकता है। पेंशनभोगी के पास पेंशन की रकम या पर्चेज प्राइज का चयन करने का विकल्प होता है।
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