इन 28 जगहों पर निवेश कर आप बचा सकते हैं इनकम टैक्स, जानिए
आयकर की कुछ धाराएं आपको इनकम टैक्स कटौती की छूट देती हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। हममें से कोई भी सालभर अर्जित की गई अपनी आय पर टैक्स अदा करना पसंद नहीं करता, लेकिन हमें इसका भुगतान करना चाहिए क्योंकि इनकम टैक्स सरकार की ओर से राजस्व प्राप्त करने का अहम जरिया है। इस रेवन्यू का इस्तेमाल सरकार राष्ट्र निर्माण में ही लगाती है। जैसा कि भारत एक विकसित देश है और कुछ भारतीय ही इतनी आय अर्जित करते हैं कि उस पर इनकम टैक्स की देनदारी बने, इसलिए अगर आप पर भी टैक्स की देनदारी बनती है तो आपको ईमानदारी से टैक्स का भुगतान करना चाहिए।
हालांकि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आप कानूनी रूप से अपनी करयोग्य आय को कम कर सकते हैं। सरकार हर करदाता को कुछ कर बचत या कटौती की अनुमति देती है जिसे आप अपनी कर योग्य आय को कम करने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताएंगे जो आपकी करयोग्य आय को कम कर सकते हैं। जानिए किन किन मदों मे सेविंग कर आप कर कटौती का लाभ ले सकते हैं....
सेक्शन 80 सी के तहत इन जगहों पर निवेश कर आप वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 1,50,000 रुपए तक का टैक्स बचा सकते हैं...
- पीपीएफ में निवेश करके
- पीएफ कंट्रीब्यूशन में कर्मचारी का हिस्सा
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स
- लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट
- बच्चों की ट्यूशन फीस
- होम लोन का प्रिंसिपल रिपेमेंट
- एनपीएस
- सुकन्या समृद्धि अकाउंट में निवेश कर
- यूलिप
- ईएलएसएस
- डेफर्ड एन्युटी की खरीद के लिए किया गया भुगतान
- पांच साल की जमा योजना
- सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम
- अधिसूचित प्रतिभूतियों के लिए सदस्यता/ अधिसूचित जमा योजना
- म्युचुअल फंड या यूटीआई की ओर से स्थापित अधिसूचित पेंशन कोष में योगदान
- राष्ट्रीय आवास बैंक की होम लोन खाता योजना के लिए सदस्यता
- पब्लिक सेक्टर या हाउसिंग फाइनेंस में लगी कंपनी की जमा योजना के लिए सदस्यता
- एलआईसी की अधिसूचित वार्षिकी योजना में योगदान
- समता शेयर और डिवेंचर की खरीदारी जो आयकर बचाने के लिए मान्य हों का सब्सक्रिप्शन
- नाबार्ड के नोटिफाई बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन
- 80ccd (1B) के तहत आप एनपीएस (NPS) में अतिरिक्त योगदान पर भी 50,000 रुपए की कटौती का क्लेम कर सकते हैं।
- 80TTA(1) के तहत सेविंग अकाउंट पर मिले ब्याज पर भी आप अधिकतम 10,000 रुपए तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं।
- 80GG के अंतर्गत किराए के भुगतान पर (जब एचआरए नियोक्ता से प्राप्त नहीं हुआ हो) तो उस पर भी आप कर कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं। सैलरी में से न्यूनतम किराए के भुगतान का 10 फीसद घटाकर, 5,000 रुपए प्रतिमाह या टोटल इनकम का 25 फीसद हिस्सा इनमें से जो भी कम हो आप उसके लिए दावा कर सकते हैं।
- 80E के तहत आप एजुकेशन लोन के ब्याज को भी कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं।
- 80EE के तहत फर्स्ट टाइम होम बायर के लिए होम लोन का इंस्टरेस्ट। यह सीमा 50,000 रुपए तक है।
- 80D के तहत खुद के, पत्नी के या फिर बच्चों के मेडिकल इंश्योरेंस पर 25,000 रुपए तक की टैक्स छूट मिलती है। वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र के माता पिता के इंश्योरेंस पर यह लिमिट 30,000 रुपए है।
- 80DD विकलांग आश्रित के मेडिकल खर्चे या हेंडिकैप डिपेंडेंट के लिए निर्दिष्ट योजना में भुगतान पर भी आप टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं। यह विकलांगता के आधार पर अलग अलग होती है। अगर विकलांगता 40 से 80 फीसद है तो यह लिमिट 75,000 रुपए की है, लेकिन 80 फीसद से ज्यादा की विकलांगता की सूरत में यह लिमिट 1,25,000 होती है।
- 80DDB के तहत नियम 11 डीडी में निर्दिष्ट रोगों के लिए स्वयं या डिपेंडेंट रिलेटिव पर चिकित्सा व्यय खर्च भी कटौती योग्य होते हैं। 60 वर्ष से कम की उम्र पर ये सीमा न्यूनतम 40,000 रुपए, 60 साल से ज्यादा उम्र के लिए यह सीमा 60,000 रुपए और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लिए यह सीमा 80,000 रुपए निर्धारित है।