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आइडिया-वोडाफोन मर्जर: जानिए 10 बड़ी बातें

जानिए आइडिया वोडाफोन के मर्जर के जुड़ी 10 बड़ी बातें

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 12:58 PM (IST)
आइडिया-वोडाफोन मर्जर: जानिए 10 बड़ी बातें
आइडिया-वोडाफोन मर्जर: जानिए 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली: देश की दिग्गज टेलिकॉम कंपनी आइडिया सेल्युलर ने सोमवार को वोडाफोन इंडिया के साथ मर्जर की घोषणा कर दी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने वोडाफोन इंडिया और उसके पूर्ण स्वामित्व वाली ईकाई वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज का आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनी आइडिया सेल्युलर के साथ विलय को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी। आज हम अपनी खबर में आपको इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें बताने की कोशिश करेंगे।

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1. आइडिया सेल्यूलर के निदेशक मंडल ने आज अपनी बैठक में वोडाफोन इंडिया लिमिटेड (वीआईएल) और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड (वीएमएसएल) के साथ एकीकरण की योजना को मंजूरी दे दी। आइडिया ने नियामकीय फाइलिंग में यह बात बताई है।

2. वोडाफोन इंडिया का सालाना राजस्व 46,000 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि आइडिया सेल्यूलर का 36,000 करोड़ रुपए का है।

3. मर्जर के बाद बनने वाली एंटिटी में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 फीसद होगी, इसके बाद ये 4.9 फीसद हिस्सेदारी 3,874 करोड़ रुपए में आइडिया के प्रमोटर्स को स्थानांतरित करेगी। इस सौदे में दूरसंचार टावर कंपनी सिंधु टावर्स में वोडाफोन की 42 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है।

4. आदित्य बिरला ग्रुप के पास नई एंटिटी में 26 फीसद की हिस्सेदारी होगी और उनके पास यह अधिकार होगा कि वो वोडाफोन से और शेयर्स हासिल कर पाएंगे। साथ ही बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का कहना है कि मर्जर के बाद नई कंपनी में किसी भी तरह की छटनी नहीं की जाएगी।

5. दोनों ही कंपनियां को भविष्य में संसाधनों के दोहन से 67,000 करोड़ रुपए का लाभ होने की उम्मीद है।

6. आइडिया के प्रमोटर्स को मर्ज हो चुकी इकाई के अध्यक्ष को नियुक्त करने का एकमात्र अधिकार होगा, वहीं वोडाफोन चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की नियुक्ति कर पाएगा। जबकि चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की नियुक्ति के लिए दोनों ही कंपनियों की इजाजत की दरकार होगी।

7. आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन दोनों को ही तीन बोर्ड सदस्य (प्रत्येक) नामित करने का अधिकार मिलेगा।

8. रिलायंस जियो की टेलिकॉम सेक्टर में धमाकेदार एंट्री ने अन्य टेलिकॉम दिग्गजों के मार्जिन को प्रभावित कर रखा है, जिसने इस क्षेत्र में एकीकरण मजबूत किया है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारती एयरटेल ने चार वर्षों में सबसे कम लाभ दर्ज किया है। जबकि आइडिया सेल्युलर ने इसी अवधि के दौरान पहली बार त्रैमासिक नुकसान का सामना किया।

9. भारती एयरटेल ने इस वर्ष के शुरू में छह भारतीय राज्यों में नॉर्वेजियन कंपनी टेलीनॉर के संचालन के लिए एक समझौते की घोषणा की थी। वहीं रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपने वायरलेस कारोबार को प्रतिद्वंद्वी एयरसेल के साथ मर्ज करने के लिए एक समझौता किया है।

10. वोडाफोन और आइडिया के इस मर्जर को टेलिकॉम सेक्टर और कंबाइंड एंटिटी के लिए सकारात्मक माना जा रहा है। नेटवर्किंग एवं बिक्री, सामान्य और प्रशासनिक खर्चों में लागत के आधार पर संयुक्त इकाई के ऑपरेटिंग मार्जिन में करीब 3 फीसद का सुधार होगा।


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