जानिए विलय के बाद एसबीआई के कितने होंगे कर्मचारी और कितनी हो जाएंगी ब्रांचेस
भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी पांच बैंकों के मर्जर से काफी कुछ बदल जाएगा, जानिए इस मर्जर से जुड़ी पांच बड़ी बातें
नई दिल्ली। भारत के बैंकिंग इतिहास में अब तक के सबसे बड़े एकीकरण की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी पांच बैंकों के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। कैबिनेट ने एसबीआइ के पांच सहयोगी बैंकों के विलय की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इस विधेयक के जरिये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (सब्सिडियरी बैंक्स) अधिनियम, 1959 और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद अधिनियम, 1956 को खत्म कर दिया जाएगा। इस मर्जर से काफी कुछ बदल जाएगा, जानिए इस मर्जर से जुड़ी पांच बड़ी बातें।
किन बैंकों का होगा विलय: बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके 5 सहयोगी बैंकों के मर्जर को मंजूरी दे दी थी। इस मंजूरी के बाद अब स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का एसबीआई में मर्जर हो जाएगा। इस मर्जर के बाद एसबीआई दुनिया के बड़े बैंकों की सूची में शुमार हो जाएगा।
कितनी बड़ी इकाई होगा SBI: इस मर्जर के बाद अब एसबीआई एक बड़ी इकाई बन जाएगी। माना जा रहा है कि अपने सहयोगी बैंकों को मिलाने के बाद एसबीआइ की परिसंपत्तियां बढ़कर 37 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएंगी। इस तरह विलय के बाद एसबीआइ दुनिया में 45वां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। फिलहाल एसबीआइ का स्थान 52वां है। पहली बार दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में भारतीय बैंक के शामिल होने से वैश्विक बैंकिंग जगत में भारत की धमक बढ़ेगी।
कितने हो जाएंगे कर्मचारी: इस विलय के बाद एसबीआई चूंकि अब एक यूनिट होगी लिहाजा इसके कर्मचारियों की संख्या भी संयुक्त रूप से ज्यादा होगी। एसबीआई में कुल 222,033 कर्मचारी है और वहीं 38,000 कर्मचारी सहयोगी बैंकों के हैं। इस हिसाब से एसबीआई के पास अब कुल 260033 कर्मचारी होंगे।
कितनी होंगी ब्रांच और कितने एटीएम: मौजूदा समय में एसबीआई की 14,000 शाखाएं हैं और करीब 6,400 शाखाएं सहयोगी बैंकों की हैं। इस तरह से अब एसबीआई की 20,400 शाखाएं हो जाएंगी। साथ ही एसबीआई के अब 58,000 एटीएम होंगे और 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक होंगे।
भारतीय महिला बैंक नहीं होगा मर्जर का हिस्सा: भारतीय महिला बैंक इस बड़े मर्जर का हिस्सा नहीं होगा। क्योंकि एसबीआई में भारतीय महिला बैंक के मर्जर पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। एसबीआई ने मार्च 2016 में अपने पाच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, इससे पहले सरकार ने एसबीआई को इसके लिए मंजूरी दे दी थी।