मोबाइल एप UMANG से जल्द निकाल पाएंगे PF का पैसा, जानिए अभी क्या है तरीका
पीएफ का पैसा निकालने के लिए मोबाइल एप उमंग जल्द होगी लॉन्च, जानिए फिलहाल क्या है निकासी का तरीका
नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। रिटायरमेंट बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जल्द ही एक मोबाइल एप उमंग (UMANG) को लॉन्च करेगा। इस एप की मदद के करीब 4 करोड़ सब्सक्राइबर्स मोबाइल के माध्यम से ही अपने पीएफ खाते में जमा राशि की निकासी कर पाएंगे। यानी अब भविष्या निधि (PF)की निकासी जैसे दावों का निपटान मोबाइल फोन से संभव हो सकेगा। हालांकि इस एप को आने में अभी थोड़ा वक्त है। आज हम अपनी खबर के माध्यम से आपको ईपीएफ निकासी के मौजूदा नियमों और प्रक्रिया के बारे में बताएंगे। इस बारे में हमने ESI और EPF सलाहकार आशीष शर्मा से बात की, जिन्होंने इस संबंध में विस्तार से बताया।
क्या है निकासी का तरीका:
आशीष शर्मा ने बताया, “मौजूदा नियमों के मुताबिक आप नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद अपने पीएफ खाते में जमा राशि की निकासी कर सकते हैं। आपको इसके लिए दो फॉर्म 19 और फॉर्म (10C) भरकर पीएफ ऑफिस में जमा करना होता है। इतना करने के बाद आपकी ओर से फॉर्म में दर्ज कराए गए बैंक अकाउंट नंबर पर आपके खाते में जमा राशि अगले 10 से 15 दिनों के भीतर ट्रांसफर कर दी जाती है।”
क्या है नई तैयारी:
सरकार का ध्यान पीएफ निकासी की ऑनलाइन प्रक्रिया को और सरल बनाने की तरफ है। सरकार चाहती है कि सब्सक्राइबर्स की राशि का निपटान अगले 3 घंटों के भीतर हो जाए। हालांकि इस प्रक्रिया के मई तक अमल में आने की संभावना है।
फार्म 19 और (10C) में अंतर:
फॉर्म 19 आपके पीएफ से संबंधित होता है जबकि फॉर्म (10C) आपकी पेंशन राशि से संबंधित होता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आप अगर 6 महीने के पहले नौकरी छोड़ते हैं तो आपको पीएफ का पैसा तो मिल जाता है, लेकिन आपको इस सूरत में पेंशन का हिस्सा नहीं दिया जाएगा।
पीएफ के होते हैं दो हिस्से:
पीएफ के सामान्य तौर पर दो हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा कर्मचारी का होता है और दूसरा हिस्सा नियोक्ता का होता है। दोनों ही 12 फीसद होते हैं। पीएफ अकाउंट में कर्मचारी का योगदान तो वही बना रहता है लेकिन नियोक्ता का योगदान दो हिस्सों में बंट जाता है। पहला हिस्सा नियोक्ता का योगदान होता है जो कि 3.67 फीसद होता है और दूसरा हिस्सा 8.33 फीसद का होता है जो कि आपके पेंशन फंड में जमा होता है। यानी जब आप अपने पीएफ खाते से निकासी करते हैं तो आपको 15.67 फीसद हिस्सा ही दिया जाता है। 12 फीसद कर्मचारी का योगदान और 3.67 फीसद नियोक्ता का योगदान।
शर्त भी शामिल:
हालांकि इसमें दो शर्तें शामिल है कि अगर आप 180 दिनों से पहले अगर नौकरी छोड़ते हैं तो आपको पेंशन का पैसा नहीं मिलता है वहीं अगर आप नौकरी में 10 साल पूरे कर लेते हैं तो आपका पेंशन का हिस्सा आपको पेंशन के मद में ही मिलेगा। वहीं दो या तीन साल के बाद नौकरी छोड़ने पर आप पूरा का पूरा पैसा निकाल सकते हैं।