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इनकम टैक्स डिक्लेरेशन के दौरान आपको रखना होगा इन 10 बातों का विशेष ख्याल

एक अप्रेैल के बाद आयकर से जुड़ें कई अहम नियमों में बदलाल आया है जिसे देखते हुए इनकम टैक्स डिक्लेरेशन भरते समय सावधानी भरतनी होगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 03:27 PM (IST)
इनकम टैक्स डिक्लेरेशन के दौरान आपको रखना होगा इन 10 बातों का विशेष ख्याल
इनकम टैक्स डिक्लेरेशन के दौरान आपको रखना होगा इन 10 बातों का विशेष ख्याल

नई दिल्ली (जेएनएन)। नया वित्त वर्ष शुरू हुए 17 दिन बीत चुके हैं। ऐसे में एचआर विभाग आपको निवेश संबंधी दस्तावेज देने के लिए मेल भेजने लगा होगा। कंपनी अपने कर्मचारियों को इस तरह के मेल टैक्स डिक्लेरेशन के लिहाज से भेजती है ताकि आईटीआर फाइलिंग के दौरान इसका उल्लेख किया जा सके। नया वित्त वर्ष नए बजटीय प्रावधानों के कारण इस लिहाज से खास है क्योंकि इसमें काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि 1 अप्रैल से आयकर नियमों में कुछ तब्दीली हुई है। हम अपनी खबर में इन बदलावों के बारे में ही बताने की कोशिश करेंगे। जानिए 1 अप्रैल के साथ ही क्या कुछ बदल गया।

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  • 2.5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच की आय वालों का टैक्स 10 फीसद से 5 फीसदी कर दिया जाएगा। सेक्शन 87ए के तहत छूट 5000 रुपये से घटाकर 2500 रुपये कर दी गई है। साथ ही जिन की आय 3.5 लाख रुपये से ऊपर है उनके लिए कोई छूट नहीं है।
  • जिन लोगों की आय 50 लाख से 1 करोड़ है, उनपर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा। साथ ही जिन लोगों की आय एक करोड़ रुपये के ऊपर है उनपर 15 फीसद तक का सरचार्ज लगेगा।
  • जिन लोगों की कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक की है (बिजनेस इनकम के अलावा) उनके लिए टैक्स फाइल करने के लिए एक पेज का सरल फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।
  • आंकलन वर्ष 2018-19 के लिए राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश करने वालों के लिए कोई भी डिडक्शन नहीं दी जाएगी।
  • आयकर विभाग अधिकारी बीते 10 वर्षों के उन सभी मामलों की फिर से जांच कर सकता है, जिनकी आय और संपत्ति 50 लाख रुपये से अधिक है। मौजूदा समय में आयकर अधिकार अधिकतम 6 वर्षों के केस भी खोल सकता है।
  • लंबे समय के लाभ के लिए प्रॉपर्टी से पैसे कमाने वालों के लिए अवधि तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष कर दी गई है।
  • सरकार ने उन संपत्तिधारकों के लिए कर लाभ कम कर दिए हैं, जो उधारकर्ता (बॉरोअर्स) बन कर किराए का फायदा उठाते हैं।
  • जिन लोगों को 50,000 रुपये से अधिक का किराया मिलता है, उन्हें 5 फीसद अतिरिक्त टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना होगा।
  • नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से की जाने वाली आंशिक निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
  • अब पैन कार्ड के आवेदन के लिए भी आधार कार्ड का होना अनिवार्य होगा। साथ ही जुलाई से टैक्स रिटर्न भरते वक्त आधार का होना जरूरी होगा।

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