छोटी उम्र में निवेश की शुरुआत करते समय भूलकर भी न करें ये सात गलतियां
छोटी उम्र में बच्चे अपनी पढ़ाई खत्म करते ही नौकरी तलाशना शुरु कर देते हैं। ऐसे में जीवन की पहली नौकरी लगते ही बचत शुरु कर देनी चाहिए।
नई दिल्ली: छोटी उम्र में बच्चे अपनी पढ़ाई खत्म करते ही नौकरी तलाशना शुरु कर देते हैं। ऐसे में जीवन की पहली नौकरी लगते ही बचत शुरु कर देनी चाहिए। एक बार बचत की आदत डलने के बाद निवेश करना चाहिए। पूंजी बढ़ाने में सबसे ज्यादा सहायक निवेश ही होता है। निवेश जितनी जल्दी शुरु किया जाए उनता ही अच्छा होता है। अपनी नौकरी के शुरुआत में बच्चे मौज मस्ती और शौक पूरे करने में अपनी पूरी सैलरी खर्च कर देते हैं। जबकि खर्च, बचत और निवेश करने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए।
निवेश करने से पहले समझना जरूरी है कि जिस प्रोडक्ट में निवेश करने का मन बना रहे हैं उसके काम करने का तरीका, रिटर्न, जोखिम, लाभ और टैक्सेशन के बारे में अच्छे से पता कर लें। ऐसा करने से निवेश में गलतियों की संभावना कम हो जाती है। जागरण डॉट कॉम की टीम यंग इंवेस्टर्स को ऐसी ही 7 गलतियों के बारे में बताने जा रही है जिनसे उन्हें बचकर रहना चाहिए।
1. आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित न करना:
कम इनकम के चलते अधिकतर लोग नखुश रहते हैं। इसके पीछे कम बचत, किसी भी तरह की कोई बचत नहीं और अपने लाइफस्टाइल पर सोच समझकर खर्च न करना जैसे कारण हो सकते हैं। ऐसे में जिनकी कम इनकम होती है उन्हें एक छोटी सी वित्तीय गलती भी बहुत महंगी साबित हो सकती है। दो तरह के लोग होते है- पहले जो सैलरी इंक्रीमेंट के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करते हैं। उन्हें जितना मिलता है वह उतने में ही संतुष्ट रहते हैं और दूसरे ऐसे होते हैं जिन्हें जो मिलता रहता है वह उसमें यह सोचकर खुश रहते हैं कि सैलरी को बढ़ाने के लिए अपने कंफर्ट जोन से निकलकर कोशिश करनी चाहिए। दूसरी स्थिति वाले लोग अच्छा मौका मिलते ही शहर बदल लेते हैं, ज्यादा सैलरी की मांग करते है या फिर अपनी मौजूदा नौकरी के साथ-साथ दूसरा काम भी करना शुरु कर देते हैं जिससे की अतिरिक्त आय हो सके। इनमें से कई लोग ऐसे भी होते हैं जो यह सोचकर जीते हैं कि उन्हें वही मिलेगा जिसके वह हकदार है। अपने जीवन में निवेश की शुरुआत करने से पहले खुद को स्किल्स से परिपूर्ण करें। अच्छा कमाने के लिए पहले खुद को काबिल बनाएं। यह कभी म भूलें कि ज्यादा कमाने वाले लोग भी अक्सर गलतियां कर बैठते हैं।
2. अपने शुरुआती जीवन में कर्ज के जाल में न फंसें:
अपनी पहली नौकरी की शुरुआत में लोग ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना शुरु कर देते हैं। इससे धीरे-धीरे इसमें देय राशि बढ़ती चली जाती है। इसके बाद फिर लोग मिनिमम अमाउंट का भुगतान करना शुरु करते हैं। अपने खर्चों पर लगाम न लगाने के कारण से एक दिन क्रेडिट कार्ड की देय राशि के लिए उन्हें कर्ज लेना पड़ जाता है। या फिर इसकी बकाया राशि को ईएमआई में तब्दील करवा देते हैं और इसी तरह वे ईएमआई के जाल में फंसने लग जाते हैं। इसके बाद बारी आती है कार लोन, होम लोन, एक और पर्सनल लोन फिर एक और क्रेडिट कार्ड और इस तरह वह खुद कर्ज के दलदल में फंसाते चले जाते हैं। जीवन में जल्दी निवेश की शुरुआत करने वाले लोग भी अक्सर अपने खर्चों पर ध्यान नहीं देते। जितना कर्ज में डूबना आसान है, उतना ही उससे बाहर आना कठिन है। लोगों को कर्ज तभी लेना चाहिए जब बहुत ही जरूरी हो।
3. करियर के शुरुआती समय में जोखिम न उठाना:
विशेषज्ञों की माने तो करियर की शुरुआत में जोखिम लेना थोड़ा आसान होता है। लेकिन जोखिम लेने से पहले पूरी तरह से प्लानिंग की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि करियर की शुरुआत में कंधों पर जीवन की जिम्मेदारियां कम होती हैं। लोगों के लिए कुछ वर्षों तक नौकरी करने के बाद अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना थोड़ा कठिन हो जाता है।
4. अपने रिश्तेदार या दोस्तों से पॉलिसी कभी न खरीदें:
भारत में ऐसे लाखों निवेशक है जो किसी रिश्तेदार या फिर दोस्त से पॉलिसी खरीदने के बाद भारी नुकसान का सामना करते हैं। अधिकांश लोग प्रोडक्ट्स भरोसे के आधार पर खरीदते हैं और कई स्थिति में रिश्तेदार प्रोडक्ट खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं। ऐसा एंडोमेंट पॉलिसी, यूलिप या फिर अन्य निवेश प्रोडक्ट्स के साथ होता है। उनसे पॉलिसी खरीदने के कुछ समय बाद एहसास होता है कि प्रोडक्ट खरीदना एक भूल थी। इसलिए बेहतर है कि या तो खुद रिसर्च कर के खरीदें या फिर कंपनी के फॉर्म खरीदें। सबसे बेहतर होगा अगर आप किसी एडवाइजर या फिर एजेंट को हायर कर पॉलिसी खरीदें।
5. ऐसे प्रोडक्ट में निवेश न करें जिसके बारे में आपको समझ नहीं है:
90 फीसदी निवेशक ऐसे होते हैं जिन्हें खरीदे गए प्रोडक्ट के बारे कोई जानकारी नहीं होती। लोग टैक्स बचाने के लिए निवेश तो कर देते हैं, लेकिन उसके बारे में सारी जानकारी प्राप्त नहीं करते। वह यह नहीं सोचते कि ऐसा करने से वे अपना समय और पैसा दोनों खराब कर रहे हैं। किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके काम करने का तरीका और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में जरूर जान लें। साथ ही उसके रिटर्न, रिस्क, लिक्विडिटी और टैक्सेशन के बारे में भी जानकारी हासिल करें।
6. बचत करनी सीखें:
अपनी नौकरी में कुछ वर्ष बिताने के बाद एहसास होता है कि जितनी जल्दी निवेश करेंगे भविष्य के लिए उतना ही अच्छा होगा। हमारी जैसे जैसे सैलरी बढ़ती है वैसे ही हमारे खर्चे भी बढ़ते रहते हैं। यदि आप हर महीने 10 हजार रुपए बचत करते हैं तो 30 वर्षों में 2.9 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगें। वहीं अगर आपने 5 वर्ष देरी से बचत शुरु की तो आप 25 वर्षों में 1.6 करोड़ रुपए का ही कॉर्पस बनाने में सक्षम हो सकेंगे। यंग इंवेस्टर्स या फिर छोटी उम्र के निवेशकों के लिए बेहतर है कि बचत करना सीखें। फिर चाहे वह बचत 100 रुपए महीना से ही क्यों न हो।
7. अपने स्वास्थय पर दें पूरा ध्यान:
पैसा कमाते की चाह में कभी भी अपने स्वास्थ्य के समझौता न करें। अपने शारीरिक और मानसिक सेहत पर पूरा ध्यान देना चाहिए। साथ ही हमेशा कोशिश करें कि दूसरों की गलतियों से सीखें। ऐसा करने से आप वे सब गलतियां नहीं दोहरा पाएंगे।