Move to Jagran APP

कैसे करें दूसरी पारी की तैयारी

रिटायरमेंट प्लानिंग एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिये कोई व्यक्ति अपने भविष्य के खर्चों को पूरा करने के लिए आमदनी की योजना बनाता है। यह वह वक्त होगा, जब वह अपनी नौकरी या व्यवसाय करने में असमर्थ हो जाएगा, जो अभी उसकी नियमित आय के साधन हैं।

By Edited By: Published: Mon, 10 Aug 2015 08:19 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2015 09:58 AM (IST)
कैसे करें दूसरी पारी की तैयारी

रिटायरमेंट प्लानिंग एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिये कोई व्यक्ति अपने भविष्य के खर्चों को पूरा करने के लिए आमदनी की योजना बनाता है। यह वह वक्त होगा, जब वह अपनी नौकरी या व्यवसाय करने में असमर्थ हो जाएगा, जो अभी उसकी नियमित आय के साधन हैं।

loksabha election banner

हर कामकाजी व्यक्ति को एक न एक दिन रिटायर होना है। यह ऐसी चीज है, जो एक न एक दिन होकर रहेगी। आप चाहें या न चाहें, आपको इसके लिए मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से तैयार रहना होगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप अभी से इसके लिए तैयारी शुरू कर दें। भले ही आपकी उम्र 25-30 या 50-55 वर्ष के दायरे में हो, रिटायरमेंट की तैयारी आपके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।

रिटायरमेंट की तैयारी न केवल आपके लिए सुदृढ़ आधार निर्मित करती है, बल्कि इस पर आपकी आज की पसंद भी टिकी है। यह पसंद आपकी दैनिक गतिविधियों, इच्छाओं व लक्ष्यों से जुड़ी हो सकती है।

एक बात की गारंटी है कि रिटायरमेंट तक आपके रहन-सहन का खर्च निश्चित रूप से बढ़ चुका होगा। साथ ही, आपके द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली आवश्यक सेवाएं भी अधिक महंगी हो चुकी होंगी। सामान्य चिकित्सा खर्च के अलावा अस्पताल में भर्ती होने के लिए आपको ज्यादा राशि खर्च करनी होगी। खाद्य पदार्थों की कीमत भी तब तक काफी अधिक हो चुकी होगी। आपको इन सभी बढ़े खर्चों का सामना करना होगा। याद रखें, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण शायद आप अधिक समय तक जीवित रहें। ऐसे में आपके आगे सबसे बड़ी चुनौती यह है कि रिटायरमेंट के बाद इन बढ़े खर्चों को पूरा करने के लिए क्या किया जाए।

रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट प्लानिंग एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिये कोई व्यक्ति अपने भविष्य के खर्चों को पूरा करने के लिए आमदनी की योजना बनाता है। यह वह वक्त होगा, जब वह अपनी नौकरी या व्यवसाय करने में असमर्थ हो जाएगा, जो अभी उसकी नियमित आय के साधन हैं।

बेहतर स्वास्थ्य मानकों के चलते लोगों की उम्र लंबी हो रही है। नौकरियों में निरंतर परिवर्तन के चलते व्यक्ति की आमदनी अब पहले के मुकाबले अस्थिर है। लोगों की जीवन शैली उन्नत हुई है। मगर साथ ही खर्चे भी बढ़ गए हैं। इसी के साथ विभिन्न निवेशों से प्राप्त होने वाली आमदनी में भी भारी अंतर है। इन सभी बातों ने रिटायरमेंट प्लानिंग को पहले के मुकाबले ज्यादा विचारणीय बना दिया है। इसलिए अपने रिटायरमेंट प्लान को महत्वपूर्ण मानते हुए इस पर अपेक्षित ध्यान देना आपके लिए आवश्यक है।

क्या होगा तरीका
हिसाब लगाएं कि रिटायरमेंट के बाद आपको कितनी आय की आवश्यकता होगी। सबसे पहले यह पता लगाएं कि आपको रिटायरमेंट के बाद कितनी वार्षिक आमदनी की जरूरत होगी। कुछ लोग इसे अपने रिटायरमेंट से पहले की आमदनी का लगभग 70-80 फीसद मानकर चलते हैं। हालांकि यह इससे काफी कम हो सकती है। खासकर तब, जब आपने घूमने-फिरने या अन्य शौक पूरे करने की बड़ी योजनाएं न बना रखी हों।

इसलिए इस बात का सही हिसाब लगाएं कि आपको वास्तव में कितनी राशि की आवश्यकता होगी। अपनी इच्छित वार्षिक आमदनी का पता चल जाने के बाद आप उस राशि का हिसाब लगा सकते हैं, जिसके निवेश की बदौलत आपको वांछित आय हो सकेगी। इसके साथ पांच-छह फीसद वार्षिक निकासी दर का हिसाब भी लगा लें।

अब देखें कि आपकी योजनाएं सही ढंग से क्रियान्वित हो रही है या नहीं। यह जानना भी बहुत जरूरी है कि आप अभी से पर्याप्त बचत कर रहे हैं या नहीं। यदि कर रहे हैं तो उसका विभिन्न वित्तीय उपकरणों (जीवन बीमा, म्यूचुअल फंड, सोना, डेट फंड, वगैरह) में उपयुक्त तरीके से निवेश कर रहे हैं या नहीं। क्योंकि सही ढंग से किए गए निवेश से ही आपको लक्ष्य हासिल होगा। इसके सटीक आकलन के लिए आप ऑनलाइन रूप से उपलब्ध किसी भी ‘रिटायरमेंट प्लानिंग कैलकुलेटर’ का उपयोग कर सकते हैं।

इस मामले में इन सांख्यकीय आंकड़ों से आपको मदद मिल सकती है:
-यदि आप हर महीने 1000/- रुपये का निवेश करते हैं तो 25 वर्षों में (12 फीसद सालाना की दर से) यह संपत्ति बढ़कर 16 लाख रुपये हो जाएगी। लेकिन यदि आप उतनी ही राशि हासिल करने के लिए पांच वर्ष की देरी से यह निवेश शुरू करते हैं तो आपको 20 वर्षों तक 1850/- रुपये प्रति माह के हिसाब से निवेश करना होगा। यह 1000/- रुपये की तुलना में 85 फीसद अधिक है।
-यदि आप जोखिम रहित वित्तीय उपकरणों में आठ फीसद की वार्षिक दर से 25 फीसद तक 1000/- रुपये प्रति माह के हिसाब से निवेश कर रहे हैं तो आपकी संपत्ति बढ़कर 8.80 लाख रुपये हो जाएगी। लेकिन यदि इतना ही निवेश थोड़े जोखिमपूर्ण उपकरणों में किया जाता है, जिनमें 12 प्रतिशत सालाना की दर से भुगतान है तो आपकी संपत्ति लगभग 82 प्रतिशत अधिक बढ़कर 16 लाख रुपये हो सकती है। इसलिए, निवेश वर्गों का सावधानीपूर्वक चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। कुल मिलाकर शीघ्र शुरुआत करें। नियमित रूप से बचत करें।
अनुज अग्रवाल
एमडी एवं सीईओ
बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस

पढ़ेंः शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.