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इंवेस्टमेंट में हो सकता है भारी नुकसान, भूलकर भी न करें ये बड़ी गलतियां

आमतौर पर लोग फाइनेंशियल प्लानिंग को जरूरी नहीं समझते हैं, ऐसे में वो अपनी समझ और दूसरों की राय के आधार पर विकल्प चुन निवेश करना शुरू कर देते हैं, लेकिन इससे बचना चाहिए....

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 12:17 PM (IST)
इंवेस्टमेंट में हो सकता है भारी नुकसान, भूलकर भी न करें ये बड़ी गलतियां
इंवेस्टमेंट में हो सकता है भारी नुकसान, भूलकर भी न करें ये बड़ी गलतियां

नई दिल्ली: बेहतर और सुरक्षित भविष्य के लिए हर कोई फिक्रमंद रहता है इसलिए वह अलग-अलग माध्यमों से तरह-तरह के विकल्पों का चुनाव करते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए, लेकिन आमतौर पर लोग फाइनेंशियल प्लानिंग को जरूरी नहीं समझते हैं, ऐसे में वो अपनी समझ और दूसरों की राय के आधार पर विकल्प चुन निवेश करना शुरू कर देते हैं। लेकिन बिना किसी फाइनेंशियल प्लानिंग के नासमझी में किए गए निवेश में अक्सर गलतियां होती है और नुकसान उठाना पड़ता है। दैनिक जागरण की टीम इस खबर के माध्यम से बताने की कोशिश करेगी कि निवेश के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि नुकसान के बजाए सिर्फ फायदा हो।

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लाइफ इंश्योरेंस को न करें इग्नोर:

लोग लाइफ इंश्योरेंस को बेफिजूल की चीज मानकर इग्नोर कर देते हैं और इसके बजाए निवेश के दूसरे विकल्पों की तलाश करने लगते हैं। आम तौर पर युवा पीढ़ी लाइफ प्लान सिर्फ बेहतर रिटर्न के लालच में ही लेती है। लेकिन आपको जानना चाहिए कि इंवेस्टमेंट प्लानिंग के दौरान लाइफ इंश्योरेंस ही सुरक्षित भविष्य की पहली सीढ़ी है। केपीएमजी के एक सर्वे के मुताबिक साल 2000 में केवल 2.3 फीसदी लोगों ने ही लाइफ इंश्योरेंस में निवेश किया था। साल 2013 में यह आंकड़ा बढ़कर 3.9 फीसदी हो गया था। यानी करीब 96 फीसदी लोगों के पास जीवन बीमा है ही नहीं। ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि सुरक्षित भविष्य के लिए एक टर्म प्लान अवश्य लें।

समय से पहले न निकालें पीएफ खाते में जमा रकम:

सामान्य भाषा में पीएफ भविष्य की जरूरत को देखकर की गई सेविंग होती है, लेकिन लोग आमतौर पर अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इसमें जमा रकम निकाल लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रोविडेंट फंड में जमा राशि तय समय से पहले नहीं निकालनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें दूसरी सेविंग स्कीम की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है। प्रोविडेंट फंड में जमा पैसे को समय से पहले निकालने पर दो नुकसान होते हैं। पहला आप इंटरेस्ट रेट से होने वाली इनकम खो देते हैं और दूसरा आपको समय से पहले पैसा निकालने पर टैक्स देना पड़ता है।

ज्यादा कमाई के लालच में कभी न आएं:

आरबीआई और सेबी अक्सर निवेशकों से अपील करते रहते हैं कि वो जोखिम भरे निवेश से बचें। लेकिन अक्सर लोग कम समय में धन दोगुना करने जैसी स्कीम के लालच में आ जाते हैं। लेकिन फिर भी लोग अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई ऐसी स्कीम्स में खंपा देते हैं। कुछ लोग शेयर बाजार में भी कई पेनी स्टॉक्स में निवेश करते हैं, जो काफी कम समय में कई गुना रिटर्न देते हैं। हालांकि इनमें गिरावट की बहुत ज्यादा संभावना होती है।

अपनी पूरी कमाई एक जगह निवेश न करें:

निवेशकों को अपनी पूरी कमाई कभी एक जगह निवेश नहीं करनी चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोगों को अपनी सेविंग्स का एक बड़ा हिस्सा किसी भी फाइनेंशियल प्रॉडक्ट में नहीं लगाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर 90 फीसदी या उससे भी ज्यादा की राशि निवेश में लगाने से आप अपनी जरूरतों को पूरा करने सफल नहीं रहेंगे। क्योंकि एक्सीडेंट होने की स्थिति में आपने अपनी सेविंग्स का जो 90 फीसदी हिस्सा जीवन बीमा में लगा रखा है उसे जरूरत के वक्त जुटाना बेहद मुश्किल होगा। वहीं अगर आप अपनी 100 फीसदी रकम सेविग्स एकाउंट में रखते हैं तो किसी भी तरह का जोखिम नहीं होगा।

वित्तीय सलाहकार से कुछ भी न छुपाएं:

आमतौर पर लोग निवेश के चयन के लिए वित्तीय सलाहकार से संपर्क साधते हैं या उसे हायर करते हैं। लेकिन जब वित्तीय सलाहकार आपके निवेश से जुड़ी योजना बना रहा होता है तब निवेशक वित्तीय सलाहकार से काफी सारी बातें साझा करने से बचते हैं, ऐसे में आप अपना ही नुकसान करते हैं। फाइनेंशियल एजवाइजर आपके लिए बेहतर आर्थिक विकल्प चुनता है। ऐसे में जरूरी होता है कि आप उसे सब कुछ बताएं। क्योंकि आपके लिए बेहतर विकल्प के चयन करते समय वह आपकी जरूरतों और क्षमताओं को समझकर ही फैसला लेता है। अगर आप जीवन बीमा करवा रहें हैं और आप उसकी कैंसर जैसे बीमारी को छुपा लेते हैं तो यह आप पर भारी पड़ सकता है क्योंकि क्लेम के वक्त आपको मुश्किल होगी।

सही समय पर करें निवेश की शुरुआत:

फाइनेंशियल प्ला निंग आपके जीवन का सबसे अहम फैसला होता है इसलिए आपको सही समय पर निवेश की शुरुआत करनी चाहिए। आप जितनी जल्दी निवेश की शुरुआत करेंगे आप उतनी ही जल्दी और ज्यादा वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। उम्र बढ़ने के चलते उन्हें अधिक बीमा प्रीमियम ही नहीं चुकाना पड़ा, वहीं इससे वे अपने कुछ बहुमूल्यि साल को खो देते हैं, जिसके चलते जहां उनके लक्ष्यह अधूरे रह जाते हैं।


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