Move to Jagran APP

जानें PPF खाते से जुड़ी 10 बड़ी बातें, मिलेगा हर सवाल का जवाब

पीपीएफ अब भी लोगों के बीच एक बेहतर सेविंग स्कीम का रुतबा हासिल किए हुए है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 04 Sep 2017 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 02:59 PM (IST)
जानें PPF खाते से जुड़ी 10 बड़ी बातें, मिलेगा हर सवाल का जवाब
जानें PPF खाते से जुड़ी 10 बड़ी बातें, मिलेगा हर सवाल का जवाब

नई दिल्ली (जेएनएन)। गिरती ब्याज दरों के बावजूद पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडंट फंड) अब भी सबसे पसंदीदा सेविंग स्कीम बनी हुई है। पीपीएफ एवं अन्य छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों की बीते साल अप्रैल से हर तिमाही समीक्षा की जा रही है। इससे पहले इसकी सालाना समीक्षा की जाती थी।

loksabha election banner

वर्तमान में पीपीएफ खाते में जमा राशि पर 7.8 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है। पीपीएफ और अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर एक छोटे मार्क-अप के साथ सरकारी बॉन्ड के लिए बेंचमार्क है। पीपीएफ ‘एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट (EEE)’ ‘एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट’ और एग्जेंप्ट स्टेटस में आता है। इसमें होने वाले कंट्रीब्यूशन, इंटरेस्ट और मैच्योरिटी राशि सभी टैक्स फ्री होती हैं।

जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें:

  • एक व्यक्ति की ओर से सिर्फ एक पीपीएफ खाता ही चलाया जा सकता है। हालांकि इसमें माइनर के लिए खुलवाया गया अकाउंट अपवाद (एक्सेप्शन) होता है। इसमें साझा अकाउंट नहीं खुलवाया जा सकता है।
  • कोई सब्सक्राइबर किसी अवयस्क (बच्चे) के नाम पर खाता खुलवा सकता है लेकिन इसके सभी खातों में सालाना कंट्रीब्यूशन की लिमिट 1.5 लाख ही होनी चाहिए।
  • इंडिया पोस्ट की एक वेबसाइट के मुताबिक पीपीएफ खाता खुलवाने के लिए न्यूनतम राशि 100 रुपए है।
  • एक वित्त वर्ष के दौरान किसी पीपीएफ खाते में जमा की जाने वाली न्यूनतम राशि 500 रुपए और अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपए है। वहीं अगर आप इसमें कुछ डिफॉल्ट करते हैं तो डिफॉल्ट के अनुसार आप पर 50 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह उस सूरत में लगेगा जब सब्सक्राइबर्स सालाना न्यूनतम राशि यानि कि 500 रुपए भी जमा नहीं करेगा।
  • एक वित्त वर्ष के दौरान पीपीएफ डिपॉजिट अधिकतम 12 बार ही किया जा सकता है। पीपीएफ खातों में मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है लेकिन इसे म्योच्योरिटी के एक वर्ष के पहले ही 5 अन्य सालों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • इस खाते को एक अधिकृत बैंक से दूसरे अधिकृत बैंक या फिर एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में स्थानांतरित किया जा सकता है। वहीं कुछ मामलों में पीपीएफ खाते को चालू खाता माना जाएगा।
  • अगर पीपीएफ सब्सक्राइबर्स एक वित्त वर्ष के दौरान 500 रुपए की न्यूनतम राशि भी जमा नहीं करवाता है तो उस खाते को बंद माना जाएगा। ऐसे मामलों में सब्सक्राइबर्स किसी भी सूरत में लोन लेने या फिर आंशिक निकासी का हकदार नहीं होगा। यानी आप एक खाते के डिस्कांटीन्यू रहते दूसरा खाता नहीं खुलवा सकते हैं।
  • पीपीएफ खाताधारक चाहे तो अपने बंद खाते को हर साल के डिफाल्ट के हिसाब से 50 रुपए की पेनल्टी अदा करके उसे फिर से चालू करवा सकता है, जो कि 500 रुपए की सालाना न्यूनतम राशि के एवज में होगी।
  • पीपीएफ खाताधारक खाता खुलवाने के तीन साल के बाद इसके एवज में लोन लेने का हकदार होता है। इस लोन की राशि पहले वित्त वर्ष के अंत तक खाते में जमा राशि का 25 फीसद हिस्सा होती है। वहीं इस तरह लिए जाने वाले लोन पर 2 फीसद की दर से ब्याज भी देना होता है, जो कि पीपीएफ ब्याज दर के अतिरिक्त होता है। वहीं इस लोन को तीन साल के भीतर चुकाना भी होता है।
  • इंडिया पोस्ट वेबसाइट के मुताबिक खाता खोलने के वर्ष से 7वें वित्तीय वर्ष से हर साल आंशिक निकासी की अनुमति है। चौथे वित्त वर्ष के अंत तक खाते में जमा राशि का 50 फीसद हिस्सा निकाला जा सकता है। वहीं मैच्योरिटी पूर्व अगर आप खाते को बंद करवाना चाहते हैं तो आप ऐसा खाता खुलवाने के पांच साल के बाद ही कर सकते हैं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.