बदले नियम, जानिए ग्रेच्युटी बेनिफिट से जुड़ी पांच बड़ी बातें
ग्रैच्युटी की राशि, कर्मचारी की सेवा के कार्यकाल और उसकी ओर से उठाई गई अतिम सैलरी या वेतन पर निर्भर करती है। इसको एक फॉर्म्यूले के तहत निकाला जाता है
नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र में काम कर रहे सभी श्रमिकों के लिए ग्रैच्युटी की सीमा को जल्द ही बढ़ाकर 20 लाख कर दिया जाएगा। हाल ही में, ट्रेड यूनियनों ने श्रम मंत्रालय के साथ चर्चा में ग्रेच्युटी की सीमा को दोगुना करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने 20 लाख तक की ग्रैच्युटी को कर मुक्त रखने पर भी हामी भरी है। गौरतलब है कि यह मांग की गई थी कि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ग्रैच्युटी की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाए।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा था, “ग्रैच्युटी काफी अहम है, मौजूदा समय में कर्मचारियों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपए है, हम उसे सभी के लिए 20 लाख रुपए तक बढ़ाने जा रहे हैं।” जानिए जीपीएफ से जुड़ी 5 अहम बातें-
ग्रैच्युटी, एक तरह का लाभ होता है जो कर्मचारियों को किसी ऑफिस में अपनी सेवाएं देने के एवज में दिया जाता है। ग्रैच्युटी एक्ट के अंतर्गत आने वाली कंपनियों की ओर से कर्मचारियों को यह लाभ तब दिया जाता है जब कर्मचारी नियोक्ता के साथ पांच या अधिक वर्ष की सेवा पूरी कर लेता है। कर्मचारी को ग्रैच्युटी तब मिलती है जब वो रिटायर हो जाता है या फिर वो नौकरी से इस्तीफा दे देता है। मृत्यु या अक्षमता के मामले में कोई भी न्यूनतम पात्रता अवधि नहीं है।
ग्रैच्युटी की राशि, कर्मचारी की सेवा के कार्यकाल और उसकी ओर से उठाई गई अतिम सैलरी या वेतन पर निर्भर करती है। इसको एक फॉर्म्यूले के तहत निकाला जाता है।
फार्म्यूला: लास्ट ड्रॉन सैलरी (बेसिक सैलरी प्लस डियरनेस अलाउंस)X जितने वर्ष आपने कंपनी को सेवा दी उसकी अवधि X 15/26।
इस फार्म्यूले के अनुसार, छह महीनों या उससे अधिक की अवधि को एक वर्ष के रूप में माना जाता है। मसलन, अगर आपने सेवा के तौर पर पांच साल और सात महीने पूरे किए हैं, सेवा के कार्यकाल की कुल अवधि 6 वर्ष मानी जाएगी।
- हालांकि एक नियोक्ता इस फार्म्यूले के तहत निकले वाली राशि से अधिक की ग्रैच्युटी का भुगतान कर्मचारी को कर सकता है।
- सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति या मृत्यु की स्थिति में मिलने वाली ग्रैच्युटी की पूरी रकम कर छूट योग्य होती है।
- वहीं अन्य मामलों में, ग्रेच्युटी पर वर्तमान आयकर नियम इस बात पर निर्भर करते हैं कि क्या कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के भुगतान के तहत कवर किया गया है या नहीं।
गैर सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले जो कर्मचारी ग्रेच्युटी एक्ट के दायरे में आते हैं उन्हें मिलने वाली ग्रैच्युटी पर आयकर की छूट निम्नलिखित तरीके से लागू होती है-
- प्राप्त हुई ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख हो जो कि मौजूदा समय में सरकार की ओर से निर्धारित है।
- निकाली गई अंतिम सैलरीX15/26X सेवा की अवधि
- प्राप्त हुई वास्तविक ग्रैच्युटी
वहीं वो गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए जिन्हें ग्रेच्युटी एक्ट के भुगतान के तहत कवर नहीं किया गया है उन्हें मिलने वाली ग्रैच्युटी पर कर छूट को निम्नलिखित आधार पर आंका जाता है....
- सेवा के हर साल के अंतर्गत आधे महीने (15) दिन की सैलरी।
- ग्रैच्युटी के रूप में प्राप्त अधिकतम राशि जो कि सरकार की ओर से मौजूदा समय में 10 लाख प्रस्तावित है।
- प्राप्त हुई वास्तविक ग्रैच्युटी