Move to Jagran APP

अब समय है बेहतर डेट फंडों में निवेश का

अल्पकाल में यील्ड में गिरावट की वजह से कंपनियां निवेशकों को डेट फंडों के जरिये मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान कर सकेंगी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 04 Apr 2016 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 04 Apr 2016 01:32 PM (IST)
अब समय है बेहतर डेट फंडों में निवेश का

बेहद बुरे वक्त की आशंका में घिरे बांड बाजार के लिए 2016-17 का बजट सुखद आश्चर्य वाला रहा है। वित्त वर्ष 2016 के दौरान राजकोषीय घाटे को 3.9 फीसद पर सीमित रखने तथा वित्त वर्ष 2017 में इसे 3.5 और 2018 में तीन फीसद पर लाने का लक्ष्य तय कर सरकार ने एफआरबीएम के प्रति अपनी कटिबद्धता दिखाई है। इससे विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन को लेकर सरकार की विश्वसनीयता बढ़ गई है। यह भी बहुत अच्छी बात है कि उसने किसी भी प्रकार के राजकोषीय प्रोत्साहन से खुद को रोके रखा है। क्योंकि एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो 7.5 फीसद की दर से बढ़ रही हो और जिसमें पांच फीसद की संभावित महंगाई दर हो, उसमें ऐसा किया जाना सर्वथा उचित ही है।

loksabha election banner

ऐसा होने के साथ ही शेयर बाजारों में तेजी का रुख बनने लगा है। बीते सप्ताह को छोड़ दें तो इसके पहले बाजार में तेज उछाल दर्ज की गई। रिजर्व बैंक की ओर से भी ब्याज दर में 0.25-0.5 फीसद की कमी किए जाने की

आशा है, क्योंकि इसके लिए जरूरी एक अहम शर्त पूरी हो गई है। ब्याज दर में और कमी के परिणामस्वरूप बाजार में जो सकारात्मक वातावरण उत्पन्न होगा, उससे कंपनियों को पूंजी लागत घटाने में मदद मिलेगी। चूंकि इससे अल्पकाल में यील्ड में गिरावट आएगी, लिहाजा कंपनियां निवेशकों को डेट फंडों के जरिये मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान कर सकेंगी।

इससे भी आगे की सोचें तो डेट मार्केट्स में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है, क्योंकि ग्लोबल विकास दर, विदेशी मुद्रा भंडार, पोर्टफोलियो प्रवाह तथा उभरते बाजारों के कर्जों पर एक बार फिर से सबकी निगाह होगी।

बड़े कर्ज लेने वाले चुनिंदा ग्राहकों के क्रेडिट प्रोफाइल में गिरावट तथा बैंकों की सकल असेट क्वालिटी पर दबाव से म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए चुनौती पैदा होगी। लेकिन कुल मिलाकर एसेट आवंटन का झुकाव डेट की ओर रहने से निवेशकों को इससे फायदा होगा। इसलिए हमारी राय में एक तरफ तो उन्हें लंबी अवधि के अथवा

डायनमिक बांड फंडों में अपना निवेश बनाए रखना चाहिए। जबकि दूसरी तरफ फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो के तहत अल्पकालिक फंडों में निवेश में बढ़ोतरी करनी चाहिए।

लघु बचत स्कीमों पर ब्याज दरों में कटौती के परिणामस्वरूप निवेशक अपने निवेश की समीक्षा करेंगे। इसी के साथ बैंक अपनी जमा दरें भी घटाएंगे। अब चूंकि कर बचत के लिहाज से ये स्कीमें ज्यादा आकर्षक नहीं हैं, इसलिए डेट फंडों में निवेश का विकल्प बेहतर रहेगा। इसकी वजह यह है कि इनमें तीन वर्ष बाद अपेक्षाकृत कम दर पर आयकर लगता है। इसलिए अभी की परिस्थितियों में डेट फंड ज्यादा आकर्षक दिख रहे हैं और कहा जा सकता है कि साल 2016 डेट फंडों का रहने वाला है।

अमनदीप चोपड़ा

फिक्स्ड इनकम हेड

यूटीआइ एमएफ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.