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बढ़ेगा बीमा और पेंशन का दायरा - जेटली

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई है कि बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ देश के सभी लोग बीमा एवं पेंशन का लाभ लेते दिखाई देंगे। जेटली आज भारतीय जीवन बीमा निगम के हीरक जयंती

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 01 Sep 2016 05:22 PM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 05:33 PM (IST)
बढ़ेगा बीमा और पेंशन का दायरा - जेटली

राज्य ब्यूरो, मुंबई: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई है कि बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ देश के सभी लोग बीमा एवं पेंशन का लाभ लेते दिखाई देंगे। जेटली आज भारतीय जीवन बीमा निगम के हीरक जयंती समारोह में बोल रहे थे।

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जेटली ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ-साथ देश पूरी तरह से बीमा एवं सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएगा, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एलआईसी एक बड़ी भूमिका निभाएगी। जेटली ने इसी क्रम में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल करने जा रहे मजदूर संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विरोध श्रम सुधारों के खिलाफ है।

वित्तमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार उन्हें पिछले बजट में की अंशदायी सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को भी चौतरफा विरोध के कारण वापस लेना पड़ा था। लेकिन हमें उम्मीद है कि हम एक दिन सामाजिक सुरक्षा एवं बीमा का महत्त्व समझेंगे।


बीमा क्षेत्र में 70 फीसद बाजार पर कब्जा रखनेवाली भारतीय जीवन बीमा निगम की तारीफ करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 16 साल पहले बीमा क्षेत्र को निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए खोलने के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी ने लोगों के बीच अपना भरोसा बनाए रखा है, और बीमा बाजार में अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी है।

जेटली ने कहा कि प्रतियोगिता में सार्वजनिक क्षेत्र की बहुत कम कंपनियां इस प्रकार टिक पाती हैं। उन्होंने एलआईसी का आह्वान किया कि वह नए-नए उत्पाद लाकर अपनी शीर्ष स्थिति को आगे भी बनाए रखे। ताकि वह उद्देश्य पूरे हो सकें, जिनके लिए 1956 में इसकी स्थापना की गई थी।


वित्तमंत्री ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक लाख रुपए की ऐसी स्वास्थ्य बीमा योजना तैयार की जा रही है, जिसका लाभ देश की एक तिहाई आबादी वाला अत्यंत गरीब वर्ग उठा सकेगा। इस अवसर पर एलआईसी के चेयरमैन एस.के.रॉय ने 2,502 करोड़ रुपए का एक चेक वित्तमंत्री को सौंपा।

एलआईसी द्वारा हर साल अपने सरप्लस का 95 फीसद हिस्सा अपने बीमाधारकों के बीच वितरित करती है, और शेष पांच फीसद अपने मालिक के तौर पर भारत सरकार को सौंपती है।

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