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शौक पूरे करने के लिए चाहतें है वित्तीय आजादी, तो अपनाएं ये उपाय

हम सभी जीवन के किसी न किसी मोड़ पर वित्तीय आजादी पाना चाहते हैं ताकि अपने शौक पूरे कर सकें। जैसे कि पुस्तक लेखन, सैर-सपाटा आदि। तो आखिर वित्तीय आजादी है क्या?

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 26 Dec 2016 10:19 AM (IST)Updated: Mon, 26 Dec 2016 10:22 AM (IST)
शौक पूरे करने के लिए चाहतें है वित्तीय आजादी, तो अपनाएं ये उपाय

संजय सप्रे
प्रेसिडेंट
(फ्रेंकलिन टेंप्लेटन इंवेस्टमेंट्स)

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यदि आप हर महीने 10 हजार रुपये की बचत 25 साल तक करते हैं तो 12 फीसद के सालाना रिटर्न के हिसाब से आप 1.90 करोड़ रुपये की राशि एकत्र कर लेंगे। लेकिन यदि इतनी ही राशि 35 वर्ष तक बचाते हैं तो आखिर में आपको 6.50 करोड़ रुपये मिलेंगे। यानी दस वर्ष की अतिरिक्त बचत आपके 1.90 करोड़ को बढ़ाकर सीधे 6.50 करोड़ रुपये पर पहुंचा देती है।

हम सभी जीवन के किसी न किसी मोड़ पर वित्तीय आजादी पाना चाहते हैं ताकि अपने शौक पूरे कर सकें। जैसे कि पुस्तक लेखन, सैर-सपाटा आदि। तो आखिर वित्तीय आजादी है क्या? यह कुछ नहीं बल्कि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी के बाकी दिनों के लिए पर्याप्त धनराशि का इंतजाम करना है। दूसरे शब्दों में आपकी संपत्तियों और निवेश से इतना पैसा अर्जित होना चाहिए ताकि आपकी मौजूदा और भविष्य की जरूरतें पूरी हो सकें। रिटर्न में महंगाई अथवा भविष्य के बढ़े खर्चों की पूर्ति का माद्दा भी होना चाहिए।

वित्तीय आजादी के बारे में सोचते वक्त सबसे पहले किस चीज का ध्यान आता है? निश्चित रूप से ऐसी प्रख्यात अमीर हस्तियों का, जिनके नाम फॉर्यूरून-500 सूची में हैं या हॉलीवुड के उन स्टार्स का जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी के लिए भरपूर दौलत खड़ी कर ली है। पिरामिड में ऊपर से नीचे को आएं तो सामान्य लोगों में ऐसे सेवानिवृत्त लोगों का नाम दिमाग में आता है जिन्होंने इतना पैसा निवेश कर रखा है जिससे वे बच्चों, दोस्तों या रिश्तेदारों पर निर्भर हुए बगैर ताजिंदगी बैठे-बैठे खा सकते हैं। तो फिर इस वित्तीय आजादी को हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए? यह प्रक्रिया आसान नहीं है। इसके लिए बारीक प्लानिंग के साथ उस पर अमल की जरूरत पड़ती है। मोटे तौर पर इसके तीन नियमों के पालन की जरूरत होती है:

1. जीवन में जितनी जल्दी हो बचत शुरू कर दें। बेहतर होगा पहले वेतन के साथ ही।
2. बचत को नियमित रखें। अंतिम व
सबसे महत्वपूर्ण नियम है
3. निवेश को जितना संभव हो उतनी लंबी अवधि (10, 20, 30 या 40 वर्ष) तक बनाए रखें। निवेश जितनी लंबी अवधि तक होगा, उतना ही ज्यादा लाभ होगा।

इस तरह यदि आप हर महीने 10 हजार रुपये की बचत 25 साल तक करते हैं तो 12 फीसद के सालाना रिटर्न के हिसाब से आप 1.90 करोड़ रुपये की राशि एकत्र कर लेंगे। लेकिन यदि इतनी ही राशि 35 वर्ष तक बचाते हैं तो आखिर में आपको 6.50 करोड़ रुपये मिलेंगे। यानी दस वर्ष की अतिरिक्त बचत आपके 1.90 करोड़ को बढ़ाकर सीधे 6.50 करोड़ रुपये पर पहुंचा देती है। ऐसा चक्रवृद्धि ब्याज लगने की वजह से होता है। अब यदि आप यही 6.50 करोड़ रुपये की संपत्ति 50 वर्ष की उम्र में खड़ी करना चाहते हैं तो आपको 10 हजार रुपये के बजाय हर महीने 34,250 रुपये की बचत 25 वर्ष तक करनी होगी।

संक्षेप में कहें तो आपको जल्दी वित्तीय आजादी चाहिए तो ज्यादा आक्रामक ढंग से बचत करनी होगी। इस मामले में म्यूचुअल फंड आपकी बेहतर मदद कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास एसआइपी अर्थात सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान का अस्त्र है। ये बैंक की रिर्कंरग डिपॉजिट की भांति कार्य करते हैं, जिसमें 500 रुपये मासिक की न्यूनतम बचत से शुरुआत की जा सकती है। इसमें लंबी अवधि में आपको ब्याज पर ब्याज के चक्रवृद्धि लाभ के अलावा इक्विटी फंडों के उच्च रिटर्न का लाभ भी मिलता है। इक्विटी फंडों ने एसआइपी के जरिये 5, 10 और 15 वर्ष की अवधियों के दौरान क्रमश: 17.86 फीसद, 14.05 फीसद तथा 14.76 फीसद का रिटर्न दिया है। यह परंपरागत सुनिश्चित रिटर्न उत्पादों के मुकाबले काफी अधिक है। यही नहीं, इसमें कर छूट का लाभ भी मिलता है। वास्तव में, एसआइपी एक बढ़िया ईएमआइ की तरह है क्योंकि यह किस्त के बजाय निवेश है जिसके जरिये आप वित्तीय आजादी के अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।


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